– एक पक्ष द्वारा बनाए गए काजी शफीकुर्रहमान से हुई अभद्रता पर डीएम को सौंपा ज्ञापन।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। मुस्लिम समाज में नये काजी को लेकर शुरू हुआ विवाद अब बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को जुमे की तकरीर के वक्त एक गुट द्वारा बनाए गए काजी शफीकुर्रहमान के साथ अभद्रता किये जाने पर शनिवार को उनके समर्थकों ने विरोध जताते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा कि जामा मस्जिद में कारी शफीकुर्रहमान जो कि पिछले 45 वर्षों से नमाज से पहले नमाजियों को सम्बोधित करते आ रहे है। पिछले सत्ता शहर काजी की आकस्मिक मृत्यु हो गयी थी। जिसके उपरान्त समाजवादी पार्टी व कांग्रेस नेताओं व विधायकों ने षडयंत्र कर उनके कम उम्र व अनुभव हीन युवा पुत्र को अपने राजनीतिक लाभ के लिए षडयंत्र कर शहर काजी बना दिया था। लेकिन इस बात से जनता व आलिमों में आक्रोश था मेरठ श्हार के एक बड़े मुस्लिम जनमानस ने कारी शफीकुर्रहमान कासमी को मेरठ का शहर काजी घोषित कर दिया था।
शुक्रवार को काजी कारी शफीकुर्रहमान कासमी पूर्व की भांति नमाज अदा करने व नमाजियों को सम्बोधित करने जामा मस्जिद पहुँचे, तो षडयंत्रकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में ही काजी कारी शफीकुरहमान साहब के साथ मारपीट धक्का मुक्की व गाली गलौच की। उनसे माईक छीनकर सम्बोधन न करने और मस्जिद से बाहर जाने के लिए कहा। जिसमे वहां पर झगड़े का माहौल बन गया। काजी कारी शफीकुर्रहमान कासमी बहुत ही मिलनसार व शान्तिप्रिय व्यक्ति है। मस्जिद में कोई झगडा बवाल ना हो, इसलिए उन्होंने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार व अपमान नजरअंदाज करते हुए मस्जिद में भाईचारा व मस्जिद अदब की प्रवित्रता बनाये रखने की अपील की।
वहीं नमाज अदा की इस घटना को वहां सैकडों लोगो प्रत्यक्ष रुप से देखा व अपने-अपने मोबाईल में कैद किया। जिसकी बहुत सारी विडियों क्लीप वायरल है। धर्म गुरु के अपमान का मुस्लिम समाज में बहुत गुस्सा व रोष है। समर्थकों ने डीएम से मांग करते हुए कहा कि षडयंत्रकारियों व पूर्व मुचलका पाबंद व्यक्तियों को चिहिन्त कर और घटना में शामिल लोगों पर कठोर कार्यवाही कि जाए। इसके साथ ही काजी कारी शफीकुरहमान कासमी को पूर्ण सुरक्षा दी जाए। ताकि वह पिछले 45 वर्षों से शाही जामा मस्जिद व शाही ईदगाह में संबोधन को बरकरार रख सकें।