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Thursday, November 13, 2025
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सपा नेता और पूर्व मंत्री मुकेश सिद्धार्थ पर लगी रासुका, पढ़िए पूरी खबर

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– भाजपा के ऊर्जा राज्यमंत्री को जिंदा जलाने का दिया था बयान


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। भाजपा के मंत्री को जिंदा जलाने का बयान देने वाले सपा नेता की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। प्रशासन ने सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ पर रासुका लगा दी। उधर, अनुसूचित जाति के लोगों ने फिर से महापंचायत का एलान किया है।
मेरठ में ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर को जिंदा जलाने का बयान देने के मामले में जेल में बंद सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ को रासुका (एनएसए) में निरुद्ध किया गया है।

 

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।

नगर निगम में अनुसूचित जाति के पार्षदों से मारपीट के मामले में छह जनवरी को कलक्ट्रेट में भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया गया था। इसमें मुकेश सिद्धार्थ ने ऊर्जा राज्यमंत्री को लेकर विवादित बयान दिया था। इस मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने अपनी तरफ से मुकेश सिद्धार्थ के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

इसके बाद मुकेश को पुलिस ने सात जनवरी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट के आदेश पर उन्हें जेल भेज दिया गया था। मिलाई को लेकर लोगों ने जेल के बाहर हंगामा भी किया गया था। प्रशासन मुकेश पर रासुका लगाने की तैयारी कर रहा था और इस संबंध में विधिक राय ली जा रही थी।

वहीं, रासुका लगाने की तैयारी की सूचना पर अनुसूचित जाति के लोग शनिवार को जिलाधिकारी से मिले थे और उन्होंने इस मामले में प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया था। साथ ही दावा किया था कि अगर मुकेश सिद्धार्थ पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाती है तो अनुसूचित जाति के लोग फिर से महापंचायत का एलान करेंगे। अब प्रशासन ने रासुका की कार्रवाई पर मुहर लगा दी है।

 

क्या है रासुका

रासुका या एनएसए का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (नेशनल सिक्योरिटी एक्ट) है। इसमें व्यक्ति को अधिकतम एक साल जेल में रखा जा सकता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। जब सरकार को लगता है कि किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा पर बात आ सकती है तो ऐसे व्यक्ति को रासुका के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा डालेगा तो उस पर भी सरकार रासुका लगा सकती है।

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