- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद परीक्षा स्थगित हुई।
एजेंसी, नई दिल्ली। नेशनल बोर्ड आॅफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज ने सोमवार को नीट पीजी 2025 परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कि पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए परीक्षा एक ही पाली में आयोजित की जाएगी। कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए कहा कि नीट पीजी 2025, जो पहले 15 जून के लिए निर्धारित थी उसे स्थगित कर दिया है। नई एग्जाम डेट की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि परीक्षा स्थगित करने का उद्देश्य परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाना और निष्पक्षता और सुरक्षा के लिए न्यायालय के मानकों को पूरा करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को पूरा करना है।
संशोधित तिथि जल्द होगी जारी
एनबीईएमएस की ओर से कहा गया है कि “एनबीईएमएस एक ही पाली में नीट-पीजी 2025 आयोजित करेगा। 15.06.2025 को आयोजित होने वाली नीट-पीजी 2025 को अधिक परीक्षा केंद्रों और आवश्यक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था करने के लिए स्थगित कर दिया गया है। नीट-पीजी 2025 के आयोजन की संशोधित तिथि जल्द ही अधिसूचित की जाएगी।”
यह घोषणा रिट याचिका संख्या 456/2025 (अदिति एवं अन्य बनाम राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड एवं अन्य) के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के जवाब में की गई है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने अधिकारियों को नीट-पीजी 2025 के आयोजन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया था।
पीठ ने एक आदेश में कहा हम प्रतिवादियों को निर्देश देते हैं कि वे परीक्षा एक पाली में आयोजित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें, यह सुनिश्चित करें कि पूरी पारदर्शिता बनी रहे और सुरक्षित केंद्रों की पहचान की जाए और उन्हें चालू किया जाए।”ठएएळ-ढॠ परीक्षा पूरे भारत में स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। एक ही पाली में परीक्षा आयोजित करने से कठिनाई स्तरों में असमानता कम होने और परीक्षा प्रक्रिया की समग्र अखंडता में सुधार होने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 मई को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा 2025 को एक ही पाली में आयोजित करने का निर्देश दिया था।
जस्टिस विक्रम नाथ, संजय कुमार और एनके अंजारिया की अवकाश पीठ ने ठइए के दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने के फैसले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे मनमानी होती है।
पीठ ने कहा कि अगर ठइए को लगता है कि परीक्षा की निर्धारित तिथि 15 जून तक व्यवस्था नहीं की जा सकती है, तो वह समय बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकता है। आदेश में कहा गया है,दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने से मनमानी होती है और इससे समान अवसर नहीं मिल पाते। दो शिफ्ट में प्रश्नपत्र कभी भी एक ही कठिनाई स्तर के नहीं हो सकते। परीक्षा निकाय को एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था करने पर विचार करना चाहिए था।
एनबीई के वकील ने कहा कि एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने के लिए 900 अतिरिक्त केंद्रों की व्यवस्था करनी होगी, जो 15 जून से पहले संभव नहीं है, पीठ ने कहा हम यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं कि पूरे देश में और इस देश में तकनीकी प्रगति को देखते हुए परीक्षा निकाय को एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त केंद्र नहीं मिल पाए।