– दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों की लाइन लगी, सीज के डर से चालक रास्ते में रुके।
गाजियाबाद। दिल्ली में आज 1 नवंबर से बीएस-3 गाड़ियों की नो-एंट्री लागू कर दी गई है। दिल्ली से सटे यूपी के बॉर्डर पर इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। गाजियाबाद प्रशासन ने कहा- सीएनजी, एलएनजी, ईवी, बीएस- 4 वाहनों को ही यूपी की सीमा से दिल्ली में एंट्री दी जाएगी।
गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर इन वाहनों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। गाजीपुर बार्डर पर जाम न लगे, इसके लिए कट वाले स्थानों पर चेकिंग के प्वाइंट बनाए गए हैं।
रात में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस पर अलग अलग स्थानों पर भारी वाहनों की लाइन लगी रहीं। जहां दिल्ली में सीज होने के डर से इन वाहन चालकों ने कई किमी पहले ही वाहनों को वन साइड रोक लिया। उसके बाद फिर दूसरे स्थानों से इन वाहनों को निकाला गया।
ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक ही रहती है। जहां सुबह से इन वाहनों को रोकना शुरू किया गया है। आज यातायात माह का शुभारंभ हो रहा है, जहां सभी अधिकारी पुलिस लाइन कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
एआरटीओ व ट्रैफिक पुलिस कर रही कार्रवाई
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद और एआरटीओ मनोज मिश्रा को इर-3 वाहनों को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एआरटीओ की निगरानी में सात टीमें बनाई गई हैं। ये दिलशाद गार्डन, भौंपुरा, लोनी बॉर्डर, यूपी गेट, सूर्यनगर, तुलसी निकेतन, सोनिया विहार के अलावा नोएडा से आने वाले वाहनों को रोकने का काम कर रही हैं।
वाहन चालक खुद जिम्मेदार हैं
अधिकारियों का कहना है कि बीएस-3 वाहनों को लिस्ट बनाकर उनके मालिकों को मैसेज भेजे जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस ने कहा- बीएस 3 की सभी गाड़ियों पर रोक हैं, इनको लेकर दिल्ली में एंट्री करने का कोई प्रयास न करे। इसलिए वाहन स्वामी या ड्राइवर खुद अपनी जिम्मेदारी समझें। वाहन चलाने वाले को पता रहता है कि उनकी गाड़ी का मानक क्या है, ऐसे में वह खुद ही ऐसे वाहनों को दिल्ली ले जाने का प्रयास न करें।
बढ़ते प्रदूषण को लेकर लगाई रोक
एआरटीओ प्रवर्तन मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि सेंट्रल एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमिशन नई दिल्ली के आदेश के अनुसार दिल्ली में प्रवेश करने वाले गुड्स व्हिकल से होने वाले हाई पॉल्युशन एमिशन के कारण यह लागू रहेगा। हालांकि, दिल्ली में भारत स्टेज-4 या अन्य अपग्रेडेड सभी वाहनों के अलावा सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक (ईवी) वाहनों की एंट्री होगी। प्रतिबंधित वाहनों की लिस्ट में मालवाहक गाड़ियां भी शामिल हैं।
दिल्ली में प्रवेश के हैं आठ रास्ते
प्रशासन ने कहा कि गाजियाबाद व नोएडा के दिल्ली बॉर्डर पर सख्त निगरानी बरती जाएगी। दोनों जिलों में परिवहन विभाग व ट्रैफिक पुलिस एक नवंबर से अभियान चलाकर कार्रवाई करेगी। दिल्ली में गाजियाबाद और नोएडा से ही गाड़ियां प्रवेश करती हैं।
गाजियाबाद के एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक सच्चिदानंद ने बताया कि गाजियाबाद में यूपी गेट यानी गाजीपुर बार्डर, आनंद विहार, लोनी बार्डर, सूर्यानगर, अफसरा बार्डर, तुलसी निकेतन, सोनिया विहार से मुख्य प्रवेश करते हैं। गाजियाबाद से दिल्ली की सीमा 44 किमी लंबाई में टच होती है। जबकि नोएडा से दिल्ली की सीमा 6 किमी लंबाई में टच होती है।
क्या है बीएस मानक?
बीएस का मतलब भारत स्टेज है। इसका उपयोग वाहनों में प्रदूषण मापने के लिए किया जाता है। देश में चलने वाले हर वाहन के लिए बीएस मानक जरूरी है। बीएस के साथ जो नंबर होता है, उसके जरिए ये पता लगाया जाता है कि वाहन कितना प्रदूषण करता है।
क्या है बीएस-3?
देश में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के नियम लाए गए हैं। वाहनों में इसकी शुरूआत साल 2000 से हुई थी। तब बने हुए वाहनों को बीएस-2 कैटेगरी में रखा गया था। वहीं, साल 2000 से पहले के वाहनों को बीएस-1 कैटेगरी में और साल 2010 और उसके बाद बने वाहनों को बीएस-3 कैटेगरी में रखा गया है। बीएस-3 के अधिकतर वाहनों की समय सीमा भी पूरी हो चुकी है।
बीएस-4 में आते हैं ये वाहन
बीएस-3 के बाद सरकार की ओर से कई नियमों को और बेहतर किया गया, जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी लाई जा सके। इसके लिए कंपनियों की ओर से कई अपडेट किए गए। एक अप्रैल 2017 से देशभर में बीएस-4 चरण को लागू किया गया था। ऐसे में एक अप्रैल 2017 और उसके बाद बने वाहनों को बीएस-4 कैटेगरी में रखा गया है।

