शारदा रिपोर्टर, मेरठ। राधा गोविंद शयन आरती पर्रिकर द्वारा हर माह कीर्तन की श्रृंखला में इस बार दिव्य व्याहुला महामहोत्सव मनाया गया। कल के आनद् के बाद् आज् दित्ये दिन मनोरथ मे सुबह 12 बजे श्री जी का कात्यानी पूजन हुआ ,बाद में लगन लिखन गया है, फिर दोपहर मे घुडचड़ी के दौरान वृन्दावन ब्रिज धाम से पधारे रसिक संत परम पूज्य बाबा श्री चित्र विचित्र बिहारी दास महाराज जी ने राधा गोविन्द शयन आरती को कुछ आशीर्वाद दिया व अज्ञा की यु हि ये ह परिकर युगल सरकार के उत्सव मनाता रहे और हर साल ठाकुर जी का विवाह रचाता रहे।
दोनो महाराज जी ने ठाकुर का तिलक किया और ठाकुर जी डोलो मं विरजमान कर मंडप के लिए रवाना किया। यह सब मनोरथ रीति रिवाज के साथ व पद गायन के साथ सब उत्सव के मनारथ मनाये गये।
आज के मनोरथ को अपने भाव मे सजाने के लिए दिल्ली से आए सुशांत भईया जी ने अपने भाव से नवल मेरो बना नवल मेरी बननी व श्यामा जु को गठ जोड़ा करयो ,रसिक जनो को व उत्सव प्रागण को आनद मय भजनो से भावपूर्ण किया ,इन भाव से भक्तजनो ने खूब आनंद लिया। मासिक कीर्तन हर माह प्रभु की क्रपा से राधागोविन्द श्यन आरती परिकर के माध्यम से किया जाता जिसमे महीने की रितू के हिसाब से प्रभु के बंगला का मनोरथ व हर माह 56 भोग लगाया जाता है और वृन्दावन या आस पास के रसिकजन गायन के लिये बुलाते है।
इस उत्सव की सेवा मे दीपक अग्रवाल,अतुल गर्ग,मयंक अग्रवाल,सचिन गुप्ता, नितिन गुप्ता ,हिमांशु , वेद प्रकाश , राजु ,निशांत ,अमान अग्रवाल व राधा गोविन्द शयन आरती परिकर के समस्त सदस्यो का सहयोग रहा ।