- ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर के खिलाफ लोगों ने खोला मोर्चा।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। प्लॉट का रास्ता बंद करने से गुस्साए लोगों ने कमिश्नरी चौराहे पहुंचकर भाजपा विधायक और ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने हाथों में पोस्टर लेकर बताया कि एक तरफ तो बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है, जबकि मेरठ में ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर लोगों को अपनी दबंगई दिखाकर डराते धमकाते हैं और अगर कोई उनके खिलाफ जाता है तो वह अपनी सीट की पावर दिखाते हैं।
ऊर्जा राज्यमंत्री के खिलाफ लोगों ने खोला मोर्चा, मेरठ कमिश्नरी चौराहे पर की नारेबाजी | video || Sharda Express
नारेबाजी कर रहे लोगों ने बताया कि 2009 में उन्होंने मोदीपुरम स्थित विनायक कालोनी में संजीव तोमर नाम के आदमी से प्लाट खरीदे थे। इसी दौरान सोमेन्द्र तोमर ने भी वहां स्थित विनायक विद्यापीठ कॉलेज संजीव तोमर से खरीद लिया। मुख्य मार्ग से कॉलेज और कॉलोनी तक जाने वाला रास्ता एक है। लोगों ने बताया कि उन्होंने इस जर्जर हो चुके रास्ते को तत्कालीन सरधना विधायक ठा. संगीत सोम से कहकर बनवाया था।
कुछ दिन बाद कालोनी और कॉलेज की सुरक्षा की बात कहते हुए राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने मुख्य मार्ग से जाने वाले रास्ते पर गेट लगवा दिया। लेकिन कुछ दिन बाद कालोनी के रास्ते को बंद करने के साथ ही कालोनी की बाउंड्री वॉल आदि को तोड़ने के साथ ही प्लॉट धारकों द्वारा भरी गई नींव आदि को क्षतिग्रस्त करते हुए उसकी ईंटे तक उठवा दी। इसके बाद कॉलोनी के लोगों का प्रवेश बंद कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि पिछले दिनों इस मामले में राज्यमंत्री ने बयान में कहा था कि वह रास्ते का मुकदमा जीत गए हैं। जबकि कॉलोनी के एक भी व्यक्ति को ऐसे किसी मुकदमे की जानकारी तक नहीं है। ऐसा लगता है कि सबको अंधेरे में रखते हुए धोखे से जालसाजी कर मंत्री ने यह सब किया है और अब अपनी पॉवर की दबंगई दिखा रहे हैं।
जबकि, प्लाट पर जाने का रास्ता सिविल जज ने अपने आदेश 2018 को स्वीकृत किया था। लेकिन इस रास्ते को भी सोमेंद्र तोमर ने अपना बताकर अवैध कब्जा कर रास्ते के बीचों बीच गेट लगा दिया।
नारेबाजी कर रहे लोगों ने कमिश्नर कार्यालय पर ज्ञापन सौंपते हुए साफ कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह करने पर मजबूर हो जायेंगे।
विनायक कॉलोनी का रास्ता जर्जर था, वहां के लोगों के कहने पर मैने अपनी विधायक निधि से रास्ता निर्माण कराया था। क्योंकि रास्ता सार्वजनिक था, इसलिए उसका निर्माण कराया गया था। अब इसे लेकर क्या विवाद है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। – ठा. संगीत सोम, पूर्व विधायक