वाराणसी: गंगा में नौकायन शुरू, 36 घंटे बाद हड़ताल खत्म

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– मेयर और जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद हड़ताल वापसी को माने नाविक।


वाराणसी। पुलिस का उत्पीड़न लगाते हुए नाविकों ने गंगा में नौका संचालन को बंद कर दिया था। इससे पर्यटकों को काफी परेशानी हो रही थी। वे गंगा में सैर-सपाटा नहीं कर पा रहे थे। इसको ध्यान में रखते हुए मेयर ने नाविकों को आश्वस्त किया है।

मेयर अशोक कुमार तिवारी के आश्वासन के बाद नाविकों ने 36 घंटे बाद बीती शाम हड़ताल खत्म कर दी। इसके साथ ही गंगा में नौकायन शुरू हो गया। नाविकों का नेतृत्व कर रहे मां गंगा निषादराज सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद मांझी ने बताया कि शाम पांच बजे तक नौका संचालन की बंदिश खत्म हो गई है। अब रात आठ बजे तक नाविक गंगा में नौका संचालन कर सकेंगे।

पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए नाविकों ने सोमवार की सुबह पांच बजे से नौका संचालन बंद कर हड़ताल शुरू कर दी थी। इस वजह से दो दिन तक पर्यटक गंगा में नौकायन से वंचित रहे।
ओवरलोडिंग के आरोप में पुलिस की ओर से जब्त की गई 12 नावों को छोड़ने की मांग को लेकर काशी के 84 घाटों के नाविकों ने नौका संचालन बंद कर दशाश्वमेध घाट पर दो दिन तक सभा कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

प्रमोद मांझी ने बताया कि मेयर ने उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया है। जिलाधिकारी ने भी उनसे मुलाकात की है। जिलाधिकारी ने नाविकों की मांगों को मानने का आश्वासन दिया। इसके बाद नौका संचालन शुरू कर दिया गया।

प्रमोद मांझी ने बताया कि हमें आश्वासन दिया गया है कि बुधवार को जब्त सभी नावें छूट जाएंगी। उधर, मेयर अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि गंगा में नौकायन की पूर्ववत व्यवस्था जारी रहेगी। पुलिस और प्रशासन के अफसरों से नाविक समाज की वाजिब मांगों पर ध्यान देने के लिए कहा गया है।

हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि

जल पुलिस प्रभारी इंस्पेक्टर एसआर गौतम ने कहा कि नाविकों की क्या मांग मानी गई, इसकी जानकारी नहीं है। हमारे लिए नाव पर सवार होने वाले यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। किसी भी नाव पर लाइफ जैकेट के बगैर यात्री मिलेंगे या ओवरलोडिंग मिलेगी तो जल पुलिस नियमानुसार कार्रवाई करेगी। सुरक्षा के लिहाज से किशोरों द्वारा नाव संचालन भी नहीं होने दिया जाएगा। सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए नाव संचालन करने वाले नाविकों के साथ जल पुलिस चौबीसों घंटे खड़ी मिलेगी।

लगभग 12 लाख रुपये का कारोबार प्रभावित

गंगा में प्रतिदिन 2500 छोटी-बड़ी नावों और क्रूज का संचालन होता है। अनुमान के मुताबिक महाकुंभ के पलट प्रवाह के इन दो दिनों में करीब 12 लाख रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है। गंगा में छह बड़े क्रूज जबकि 500 बड़े बजड़ों और नावों का संचालन होता है।

दूसरे दिन बंद का आंशिक असर, क्रूज और नावें चलीं

मां गंगा निषादराज सेवा न्यास के आह्वान पर बंदी के दूसरे दिन आंशिक असर रहा। मंगलवार की सुबह से ही क्रूज और नावों का संचालन शुरू हो गया था। छोटे नाव संचालकों ने बताया कि बड़े नाव वालों के पास बहुत पैसा है, वो नाव खड़ी कर खा सकते हैं। लेकिन, जिनके पास छोटी नावें हैं, वे आजीविका के लिए इसी पर निर्भर हैं। इसलिए दो दिन तक नाव खड़ा कर पाना संभव नहीं है।

अब नगर निगम नहीं जारी करेगा नावों का लाइसेंस

अब नगर निगम की ओर से नावों का लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम 2023 के तहत गंगा में नावों, मोटरबोट और क्रूज का संचालन किया जाएगा।

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