होलिका दहन में करें गोबर की लकड़ी और उपलों का उपयोग

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मेरठ। बूंद फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा कमिशनरी, जेल चुंगी और तेजगढ़ी चौराहे पर लोगों को होलिका दहन पर्व पर पर्यावरण अनुकूल गोबर की लकड़ी या उपले का इस्तमाल करने का अनुरोध किया गया।

ट्रस्ट के संस्थापक रवि कुमार ने बताया कि हर वर्ष होलिका दहन के अवसर पर अत्यधिक संख्या में हरे – भरे पेड़ काट दिए जाते हैं जिस कारण पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। यदि हम सभी गोबर की लकड़ी या उपले का प्रयोग करेंगे तो हम पेड़ों का संरक्षण कर अपने पर्यावरण को कहीं न कहीं हरा – भरा रखने में योगदान दे सकते हैं और बढ़ते हुए प्रदूषण से होने वाली हानि से बच सकते हैं। रवि ने यह भी बताया कि जब भगवान राम वनवास के लिए वन में गए थे तो उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण से कहा था कि प्रकृति को हानि पहुंचाएं बिना वृक्ष से अलग पड़ीं लकड़ियाँ कुटिया बनाने के लिए लाना। हमें भगवान राम से प्रेरणा लेकर पर्यावरण को हानि पहुंचाएं बिना होलिका दहन का पर्व मनाना चाहिए।

इस अवसर पर ट्रस्ट से दीपक सिंह, मुकुल रस्तोगी, गौहर रजा सिद्दीकी, राहुल सिंह, रीतिशा कुमार, गुरमिंदर सिंह और प्रिंस अग्रवाल उपस्थित रहे।

 

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