Tuesday, March 25, 2025
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अनिल बंजी गिरोह के दो हथियार तस्कर गिरफ्तार

  • फर्जी लाइसेंस पर हथियार खरीदकर बदमाशों को बेचते थे,
  • पाकिस्तान से करते थे हथियारों की तस्करी।

शारदा रिपोर्टर

मेरठ। एसटीएफ ने पंजाब के दो गन हाउस मालिकों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ मेरठ के एएसपी बृजेश ने कहा दोनों गन हाउस से फर्जी लाइसेंस पर हथियार तस्कर अनिल बंजी को हथियार बेचते थे। पकड़े गये एक आरोपी का पिता तो पाकिस्तान से हथियार की तस्करी के आरोप में वर्तमान में अमृतसर जेल में है।

गुरुवार देर शाम पकड़े गये आरोपियों से शस्त्र और कारतूस बेचने की गन हाउस की बिल बुक और एक फर्जी शस्त्र लाइसेंस की फोटो कॉपी भी एसटीएफ ने बरामद की थी। एसटीएफ एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि यूपी वेस्ट के जिलों में अवैध हथियारों की तस्करी को लेकर इनपुट थे। इसमें अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरोह के सक्रिय सदस्यों के सक्रिय होने की सूचना मिलने पर एसटीएफ ने 23 नवंबर 2024 को कंकरखेडा से अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर गिरोह के ग्राम लोहड्डा थाना कोतवाली बड़ौत, जिला बागपत ले रहने वाले रोहन को हथियारों की खेप के साथ गिरफ्तार किया था।

जब अभियुक्त रोहन से पूछताछ की गई, तो उस आधार पर एसटीएफ ने इसके बाद 20 दिसंबर 2024 को मुजफ्फरनगर जिले के सिसोली गांव के अनिल बंजी को मेरठ के कंकरखेडा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक रायफल, एक कार्बाइन, एक पिस्टल समेत 15 कारतूस और इसके अलावा एक अवैध पम्प एक्शन गन 12 बोर भी बरामद की थी।

एसटीएफ एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि अनिल बंजी ने तब पूछताछ में यह बात कबूल की थी कि उसने पिस्टल पठानकोट से खरीदी थी। बीते बुधवार को बाबा दीप सिंह गन हाउस तरन तारन (पंजाब) के स्वामी ओलख फार्म हाउस पलासौर रोड तारन निवासी गुरविंद्र जीत सिंह और ग्राम चक पंडोरी जिला अमृतसर निवासी शेजपाल सिंह शस्त्र और कारतूस बिक्री की बिल बुक लेकर एसटीएफ के दफ्तर में पहुंचे थे। तब जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अनिल बालियान उर्फ बंजी से बरामद पिस्टल को गुरविंद्र सिंह ने पठानकोट की विशाल गन हाउस, पठानकोट से ही खरीदा था।

एएसपी के अनुसार गुरविंद्र जीत सिंह ने पूछताछ में यह भी बताया कि इस पिस्टल को शेजपाल सिंह ने फर्जी लाइसेंस पर बेचा था। इतना ही नहीं इस पिस्टल के अलावा 315 बोर के 1020 कारतूस भी बेचे गये थे। जबकि पिस्टल के अलावा 12 बोर की पांच एसबीबीएल गन, पंद्रह डीबीबीएल गन भी उसके फर्जी लाइसेंस के आधार पर बेची गई थीं। शेजपाल सिंह की तरफ से गुरविन्द्र जीत सिंह को अपने गन हाउस की शस्त्र और कारतूस बिक्री से संबंधित एक लाइसेंस की कॉपी भी उपलब्ध कराई थी। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ था कि उन्होंने 50 हजार की पिस्टल और 100 रुपये प्रति कारतूस के हिसाब से बेचे थे।

एसटीएफ अधिकारी के मुताबिक शेजपाल सिंह से पूछताछ में बताया कि गौतम अहलावत निवासी पट्टी जिला तरनतारन के नाम फर्जी रसीद काटकर अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी और उसके साथियों को पिस्टल और कारतूस बेचे गये थे। यहां भी प्रति पिस्टल 40 से 50 हजार रुपये और सौ रुपये प्रत्येक की दर से कारतूस बेचे गये थे। यह बात भी मालूम हुई है कि मरहटटा गन हाउस अमृतसर का लाइसेंस शेजपाल सिंह के पिता अवतार सिंह के नाम पर है, इतना ही नहीं वह करीब ढाई साल से अमृतसर सेंट्रल जेल में बंद है।

अवतार सिंह, सरमुख सिंह पाकिस्तान के ड्रग्स तस्करों से ड्रग्स मंगाकर पंजाब में सप्लाई करता है। सरमुख सिंह भी वर्तमान समय में जेल में बंद है। शेजपाल सिंह ने इस गन हाउस के लाइसेंस में पार्टनरशिप की थी और फर्जी तरीके से अपना नाम जुड़वा लिया था। उसी के आधार पर वह असलहा और कारतूसों का व्यापार कर रहा था।

 

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