शारदा न्यूज, मेरठ। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल ने आगामी बजट में व्यापारी व उद्योगों की समस्याओं की चर्चा करते हुए आज केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। ज्ञापन में व्यापारियों के नगदी लेनदेन की सीमा को बढ़कर एक लाख करने व आयकर छूट को 10 लाख रुपए करने की मांग करते हुए प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने कहा कि बढ़ती हुई महंगाई को ध्यान में रखकर नगद लेनदेन की सीमा बढ़कर एक लाख किया जाए ताकि व्यापारी का रास्ते में नगदी को लेकर उत्पीड़न ना हो।
उन्होंने आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख करने की मांग करते हुए कहा कि आयकर व जीएसटी देने वाले व्यापारियों के परिवार के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य की मुफ्त व्यवस्था की जाए। लोकेश अग्रवाल ने जीएसटी दरों की विसंगतियों की चर्चा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री से मांग की कि जीएसटी का सरलीकरण कर जीएसटी में दरों की विभिन्नताएं समाप्त की जाए। जीएसटी कि दरें 0, 5-12 तथा अधिकतम 18 रखी जाए। साथ ही एक ट्रेड में सभी प्रकार के कारोबार पर एक ही दर रखी जाए। इससे व्यापारियों को सहूलियात होगी तथा सरलीकरण होने से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। ज्ञापन में दैनिक इस्तेमाल की चीज जेसे अनाज (गेहूं चावल दाल आटा) कपड़ा आदी से जीएसटी समाप्त करने के साथ घरेलू व कुटीर उद्योगों को 10 साल तक जीएसटी में आयकर से छूट मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आयकर दाता व्यापारी की किसी प्रकार से मृत्यु होने पर उसके परिवार को 10 लाख रुपए का बीमा दिया जाए। व्यापारियों के उत्पीड़न में बड़ी भूमिका निभाने वाली मंडी समिति को पूर्ण रूप से समाप्त करने की व्यापार मंडल ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है। लोकेश अग्रवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बजट में मांग करते हुए कहा कि 20 साल तक आयकर रिटर्न भरने वाले व्यापारियों को 40000 प्रतिमाह पेंशन दी जाए।
उन्होंने कहा कि कुटीर व घरेलू उद्योगों तथा रिटेल व्यापार को बचाने के लिए आॅनलाइन शॉपिंग पर 10% कर लगाने की व्यवस्था की जाए। साथ ही ई-कॉमर्स मार्केटिंग में जीएसटी चोरी रोकने के लिए रेगुलर मार्केट मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट अमेजॉन जैसे पोर्टल द्वारा सीधे उपभोक्ता को सामान बेचा जाता है आईटीसी का दुरुपयोग कर सरकार के राजस्व की चोरी की जा रही है इसलिए इस तरह के आॅनलाइन पोर्टल द्वारा बेचे गए सम्मान पर जीएसटी इनपुट क्रेडिट लेने पर रोक लगाई जाए।