अलीगढ़: दस घनी हिंदू आबादी वाले इलाके मिले कब्रिस्तान में दर्ज

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– अचल ताल समेत कई क्षेत्र और हाईवे तक मिला वक्फ संपत्ति में दर्ज


अलीगढ़। सूबे में वक्फ संपत्तियों को लेकर मचे शोर के बीच अलीगढ़ में बड़ा खुलासा हुआ है। अलीगढ़ महानगर के दस बड़े घने हिंदू आबादी वाले इलाके वक्फ संपत्तियों के रिकार्ड में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज मिले हैं। वक्फ बोर्ड कभी भी इन पर अपना दावा ठोक सकता था। इनमें नगला मसानी, गांधी नगर, अचल तालाब, प्रीमियर नगर, छर्रा अड्डा, नौरंगाबाद, महेंद्र नगर, सुरेंद्र नगर, साहिबाबाद और पला एसी इलाके शामिल हैं। अचल तालाब क्षेत्र में करीब 50 से अधिक मंदिर हैं, जबकि वक्फ के रिकॉर्ड में यह इलाका कब्रिस्तान में दर्ज है।

अलीगढ़ जिले में 1768 वक्फ संपत्तियों की जांच में 1216 संपत्तियां सरकारी मिलीं। कोल तहसील में 632 वक्फ संपत्तियों की जांच में 245 सरकारी जमीनें मिली थीं। इसकी रिपोर्ट प्रशासन ने शासन को भेजी थी। जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अचल तालाब क्षेत्र में प्राचीन शिव मंदिर हैं। इस इलाके में करीब 50 से अधिक मंदिर हैं। यहां बना अचल सरोवर का पौराणिक इतिहास बताया जाता है, इस इलाके में मुस्लिम आबादी भी नहीं है, लेकिन वक्फ के रिकॉर्ड में यह कब्रिस्तान में दर्ज है।

हाल ही में हुए सर्वे में यहां यह आबादी क्षेत्र बताया है। इसी इलाके से लगा गांधी नगर और प्रीमियर नगर क्षेत्र है, जो वक्फ रिकॉर्ड में कब्रिस्तान में दर्ज हैं। यह हिंदू बाहुल्य इलाके हैं। इसी तरह नगला मसानी, छर्रा अड्डा, नौरंगाबाद क्षेत्र में प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन यह इलाके कब्रिस्तान में दर्ज हैं।बता दें कि अचल तालाब, नौरंगाबाद, गांधी नगर, प्रीमियर नगर, छर्रा अड्डा इलाके आसपास हैं, इन सभी स्थानों पर प्राचीन मंदिर हैं। इस कारण यह इलाके लंबे समय से हिंदू बाहुल्य हैं। बताते हैं कि राजा महेंद्र प्रताप की काफी जमीनें इस इलाके में थीं। इन जमीनों पर अब हिंदू आबादी बसी है। इसी तरह खैर रोड क्षेत्र में स्थित नगला मसानी हिंदू बाहुल्य क्षेत्र हैं। यहां भी प्राचीन मंदिर हैं। सवाल उठता है कि इन इलाकों को वक्फ रिकॉर्ड में कब्रिस्तान क्यों दर्ज किया गया।

चौंकाने वाले तथ्य

– नगला तार घनश्यामपुरी क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि मौके पर आबादी है और पार्क बना है।
– सराय मियां क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि मौके पर घनी आबादी है।
– टुआमई क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि मौके पर वह होलिका दहन स्थल है।
– साहिबाबाद क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि मौके पर नगर निगम का नलकूप रूम बना है।
– इस्माइलपुर और कलाई क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि मौके पर खेती हो रही है।
– गोवर्धनपुर क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि मौके पर आर्य समाज मंदिर बना है।
– हरदुआगंज क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि वहां सैयद और मंदिर बने हैं साथ ही प्लाटिंग भी हो रही है।
– गोपी क्षेत्र कब्रिस्तान में दर्ज है, जबकि मौके पर हाईवे बना है।

 

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