शारदा न्यूज, मेरठ। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कंकरखेड़ा जमीन मामले को लेकर पत्रकार वार्ता आयोजित की गई।
प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि कंकरखेड़ा के 1500 बीघा सरकारी जमीन के 1500 करोड़ रुपए के भूमि घोटाले में मेरठ के तमाम अफसरों की भूमिका संदिग्ध है।
उन्होंने इस संबंध में कुछ सबूत प्रस्तुत किए और कहा कि 22 दिसंबर 2022 को थाना कंकरखेड़ा पर आपराधिक षड्यंत्र व कूट रचित अभिलेख बनाकर सरकारी भूमि बेचने के आरोपों में एफआईआर नंबर 946/2022 दर्ज किया गया। जिसके दर्ज किए जाने का समय सुबह 3:26 बजे दिखाया गया। इस एफआईआर में पुलिस महानिरीक्षक मेरठ के नाम का उल्लेख था और कुछ ऐसे तथ्य थे जिससे तत्कालीन आईजी मेरठ प्रवीण कुमार सहमत नहीं बताए जाते हैं।
यह एफआईआर कंप्यूटर में दर्ज होने के बाद भी इस सीसीटीएनएस सिस्टम से डिलीट कराया गया और सुबह 3:12 बजे पर दर्शाते हुए उसी एफआईआर नंबर 946/2022 पर एक दूसरा एफआईआर दर्ज किया गया।
अमिताभ ठाकुर का दावा है कि कानूनन एक एफआईआर नंबर पर दो अलग-अलग प्रकार के प्रार्थना पत्र नहीं हो सकते हैं। किंतु इस मामले में ऐसा हुआ जो संभवत पूरे हिंदुस्तान में इस प्रकार का अकेला मामला है। साथ ही यह पुलिस विभाग के सीसीटीएनएस कंप्यूटर सिस्टम के साथ भी खिलवाड़ है।
उन्होंने कहा कि 5 नवंबर को इस मामले में आजाद अधिकार सेना के देवेंद्र सिंह जो उसे समय एलआईयू मेरठ में थे के द्वारा तत्कालीन आईजी के कहने पर गुलवीर सिंह नामक व्यक्ति से एक प्रार्थना पत्र प्राप्त किया। जिस पर सीओ को जांच दी गई और उसी बयान पर पहली एफआईआर दर्ज हुआ। किंतु जब यह बात आईजी प्रवीण कुमार को पता चली तो उन्होंने उस एफआईआर को बदलवाने के लिए देवेंद्र सिंह पर दबाव डाला जिसे उन्होंने इनकार कर दिया।
इसके बाद भी उस एफआईआर को कंप्यूटर सिस्टम में खिलवाड़ कर बदल दिया गया और देवेंद्र सिंह को नौकरी से निकाल दिया गया। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि आज देवेंद्र सिंह की जान को भी खतरा है।
बुधवार को सर्किट हाउस के बाहर सीढ़ियों पर प्रेसवार्ता करने के संबंध में उन्होंने कहा कि उन्हें अंदर यह कहते हुए बैठने से मना कर दिया गया कि धारा 144 सीआरपीसी लगी है। प्रेसवार्ता में इंतखाब अहमद, सुरेश चंद्र शर्मा, नरेश चंद्र त्यागी, शकील अहमद कुशल पाल सिंह पुंडीर आदि उपस्थित थे।