- पुलिस, नगर निगम और बैंक के अधिकारी मामले में फंसे
मेरठ (शारदा रिपोर्टर)। लॉरेंस बिश्नोई के दो गुर्गों के फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में कंकरखेड़ा पुलिस, नगर निगम और बैंक अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की मिलीभगत के मामले सामने आने पर प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
गुजरात की साबरमती जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर राजस्थान निवासी राहुल कुमार पुत्र चेतन लाल और महेंद्र कुमार पुत्र खजोहर लाल के खिलाफ करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगे जाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। राहुल और महेंद्र के पीछे बीकानेर क्राइम ब्रांच लगी तो दोनों आरोपी फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गए। जांच में सामने आया कि दोनों के पासपोर्ट कंकरखेड़ा श्रद्धापुरी के पते पर बनवाए गए।
इस मामले की जांच कर रही बीकानेर पुलिस ने राहुल और महेंद्र के दुबई फरार होने के मामले में राजू वैध को मुख्य आरोपी बनाते हुए कंकरखेड़ा पुलिस, नगर निगम और एक बैंक अधिकारी को भी लापरवाही का आरोपी बनाया है।
दोनों आरोपी पासपोर्ट बनवाने के लिए सात दिन मेरठ में रुके थे। बीकानेर पुलिस की जांच में मामला सामने आया कि रिश्वत देकर दोनों आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के बल पर पासपोर्ट हासिल कर लिया था। इस मामले में राजू वैध का रिमांड पूरा होने के बाद बुधवार को उसे जेल भेज दिया गया है।
इस मामले में बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ थाना पुलिस ने इस मामले में कंकरखेड़ा के सुभाषपुरी में साइबर कैफे और गाजियाबाद पासपोर्ट आॅफिस के पास कैफे चलाने वाले राजू को गिरफ्तार किया। राजू ने बताया कि उसने ही दोनों के श्रद्धापुरी के फर्जी पते पर फर्जी आधार कार्ड समेत कई अन्य दस्तावेज बनवाए थे। इसके बाद उसने दोनों के तत्काल पासपोर्ट का आवेदन कर दिया।
लॉरेंस के दोनों गुर्गे सात दिन तक मेरठ में ही रहकर अपना काम कराकर निकल गए। दोनों को राजू वैध ने ही रुकवाया था। कंकरखेड़ा पुलिस ने भी बिना मौके पर जाए दोनों की रिपोर्ट का वेरीफिकेशन कर दिया। इसके चलते तत्काल में पासपोर्ट मिलते ही दोनों दुबई फरार हो गए।
सुबूत जुटाने के लिए श्रीडूंगरगढ़ पुलिस ने राजू को तीन दिन के रिमांड पर लिया था। तीन दिन से पुलिस सुबूत जुटा रही थी। पुलिस ने कंकरखेड़ा थाने से लगाई गई रिपोर्ट और फर्जी दस्तावेजों एकत्र किए। राजू के गाजियाबाद आॅफिस में कंप्यूटर से भी दस्तावेज एकत्र किए गए।
कंकरखेड़ा थाने से लगाई गई पासपोर्ट की रिपोर्ट को भी बीकानेर पुलिस साक्ष्यों में शामिल करेगी। लॉरेंस बिश्नोई के कई दूसरे गुर्गे भी अपराध को अंजाम देकर विदेश भाग चुके हैं। उत्तराखंड का राहुल सरकार बड़ी संख्या में फर्जी पासपोर्ट बनवाता था। उसके गिरफ्तार होने के बाद लॉरेंस के गुर्गों ने राजू वैध से संपर्क कर लिया था।
राजू की गाजियाबाद पासपोर्ट आॅफिस में भी गहरी घुसपैठ थी। राजू थानों में पैसे देकर फर्जी पतों वाली रिपोर्ट को ऐसे लगवा देता था। इसके अलावा पासपोर्ट आॅफिस में उसकी सेटिंग भी इतनी जबरदस्त थी कि फर्जी दस्तावेजों पर आवेदन किए गए पासपोर्ट वह बहुत कम समय में बनवा देता था।
नगर निगम ने जारी किया था जन्म प्रमाणपत्र
बीकानेर की फतेहपुर कोतवाली में राहुल और महेंद्र की फरारी के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसमें राजू वैध को फरार कराने में मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा पासपोर्ट में आंख मूंदकर वेरीफिकेशन करने वाली कंकरखेड़ा पुलिस, फर्जी दस्तावेजों पर जन्म प्रमाणपत्र बनाने के मामले में नगर निगम और बैंक पासबुक के मामले में आरोपी बनाया गया है।
बीकानेर पुलिस का कहना है कि नगर निगम में घूस देकर राहुल और महेंद्र के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाए गए। इसके बाद दोनों के आधार कार्ड बनवाए गए। आधार लगाकर बैंक में खाता खोलकर पासबुक ली गई। इतनी लापरवाही के बावजूद आज तक मेरठ में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
विभागों के भ्रष्टाचार पर उठे सवाल
जिस तरह से मेरठ में तमाम विभागों ने लॉरेंस के गुर्गों के घूस लेकर फर्जी दस्तावेज बनवा दिए उसको देखकर बीकानेर पुलिस हैरान है। सभी का यही कहना है कि मेरठ में इतना भ्रष्टाचार है कि पासपोर्ट जैसे संगीन मामले में भी किसी ने कुछ नहीं देखा। सभी जगहों से फर्जी दस्तावेज बनते चले गए, ऐसे तो आतंकी भी यहां के कागज बनवा लेंगे।
कार्रवाई करेंगे : एडीजी
बिना वेरीफिकेशन के पासपोर्ट की रिपोर्ट लगाने को लेकर कंकरखेड़ा पुलिस की जांच एसएसपी की तरफ से कराई जा रही है। जिसने भी लापरवाही की है, उन पर कार्रवाई होगी। – डीके ठाकुर, एडीजी