संयुक्त किसान मोर्चा के बंद के आह्वान पर पुलिस प्रशासन रहा अलर्ट

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– दोपहर तक मेरठ और आसपास के क्षेत्र में बंद के आह्वान का नहीं दिखा असर
– राकेश टिकैत बोले: सरकार नहीं मानी तो जल्द होगा बड़ा आंदोलन


शारदा रिपोर्ट

मेरठ। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया गया है। भाकियू से जुड़े किसान खेतों पर नहीं जाएंगे और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे। वहीं बंद और चक्का जाम के आह्वान को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। सिवाया टोल प्लाजा, मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल और मेरठ-पानीपत मार्ग पर प्रशासनिक अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ अलर्ट रहे।

 

बृहस्पतिवार को बंद को सफल बनाने के लिए भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मेरठ आए थे। यहां उन्होंने कंकरखेड़ा में कार्यकर्ताओं से बंद को लेकर रणनीति तैयार की। उन्होंने बंद के दौरान चक्का जाम के लिए चिन्ह्ति प्वाइंट को लेकर भी जानकारी ली। टिकैत की बैठक के बाद एआईयू अलर्ट हो गई। रात में ही किसान नेताओं को उनके घरों में नजर बंद कर दिया गया। इसके साथ ही डीएम और एसएसपी ने सभी अधिकारियों को क्षेत्रवार ड्यूटी सौंपते हुए पुलिस फोर्स तैनात कर दिया।

 

सिवाया टोल प्लाजा किसान यूनियन का पुराना चक्का जाम का प्वाइंट रहा है। यहां पर राहगीरों को परेशानी न हो, इसे देखते हुए रात में ही पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया। सुबह तहसीलदार सरधना राकेश कुमार और सीओ अभिषेक पटेल भारी पुलिस फोर्स के साथ टोल प्लाजा पर जमे रहे। लेकिन दोपहर तक भी यहां कोई किसान संगठन नहीं पहुंचा।

 

सरकार नहीं मानी तो देशभर का किसान होगा एकजुट

राकेश टिकैत ने एमएसपी पर गारंटी कानून को लेकर दिल्ली और हरियाणा बॉर्डर पर किसानों की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है। 17 फरवरी को सिसौली में होने वाली महापंचायत में भाकियू की ओर से भी इसे लेकर रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने यह जानकारी बृहस्पतिवार को कंकरखेड़ा स्थित जिलाध्यक्ष भाकियू अनुराग चौधरी के आवास पर पत्रकारवार्ता में दी।

 

उन्होंने कहा कि सरकार आसानी से किसानों की मांग नहीं मानने वाली। इसके लिए देशभर के किसानों को एकजुट होकर आंदोलन करना पड़ेगा। उन्होंने यहां से भी अधिक से अधिक संख्या में कार्यकतार्ओं से मासिक पंचायत में पहुंचने का आह्वान किया।
इसके बाद उन्होंने कार्यकतार्ओं के साथ बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आज होने वाले ग्रामीण भारत बंद को सफल बनाने के लिए कहा। इस मौके पर बबलू, हर्ष चहल, अंकुर, मोनू, विपुल, राजा, हरेंद्र आदि मौजूद रहे।

 

भारत बंद : दूध से लेकर मिलों में नहीं होगी गन्ना आपूर्ति

पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन की आंच पश्चिमी यूपी तक भी पहुंच गई है। पिछले कई दिनों से परिवहन की व्यवस्था बिगड़ी हुई है, इसी बीच शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा भारत बंद के आह्वान से पुलिस प्रशासन की बेचैनी बढ़ी रही। भाकियू टिकैत ने जनपद के किसानों से मिल में गन्ना आपूर्ति नहीं करने के साथ-साथ दूध की आपूर्ति बंद करने का भी आह्वान किया है।

 

विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत संयुक्त किसान मोर्चा दोबारा आंदोलन को तेज करने की कवायद में जुट गया है। मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद करने का आह्वान किया है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय सचिव चौधरी विनय कुमार ने बताया कि किसानों से एक दिन के लिए अपने कार्यों से विरत रहने की अपील की गई है। उनसे कहा गया कि वे शुक्रवार को चीनी मिलों में गन्ना आपूर्ति न करें, साथ ही एक दिन के लिए अपने खेतों के काम भी न करें। शहरों में दूध आपूर्ति करने वाले किसान इसे एक दिन के लिए रोक दें। किसान परिवार के जिन लोगों ने दुकानें कर रखी हैं वे उसे बंद रखें। उन्होंने बताया कि आगे के आंदोलन की रणनीति तैयार करने के लिए 17 फरवरी को सिसौली में होने वाली किसान पंचायत में निर्णय लिया जाएगा।
जिलाध्यक्ष चौधरी राजपाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से किए वादों को जल्द पूरा करे। ऐसा नहीं हुआ तो किसानों को आंदोलन तेज करना पड़ेगा।

 

विभिन्न संगठनों ने किया भारत बंद का समर्थन

किसान आंदोलन के समर्थन में विभिन्न संगठन आना शुरू हो गए हैं। शहीद भगत सिंह भाईचारा मंच, अखिल भारतीय किसान सभा, सीआईटीयू और वामपंथी पार्टियों के पदाधिकारियों ने संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद का समर्थन किया। उन्होंने शंभू बॉर्डर पर किसानों पर की जा रही कार्रवाई पर रोष व्यक्त किया। बृहस्पतिवार को रेलवे रोड स्थित उत्तर प्रदेश किसान सभा के कार्यालय पर आयोजित बैठक में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।

 

जिले में एक दिन में होती है करीब तीन लाख लीटर दूध की सप्लाई

खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिले में एक दिन में करीब तीन लाख लीटर दूध की सप्लाई होती है। यदि एक दिन भी दूध की सप्लाई बंद होती है तो लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

 

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