नई दिल्ली: भारत में चुनावों के दौरान ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हारते हैं तो वो कहते हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है लेकिन जब वो जीतते हैं तो वो कुछ नहीं कहते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो याचिका को खारिज कर रहा है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा, हाल ही में हुए चुनावों में मैंने माफिया को देखा है। मैंने स्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका में सबूत देखे हैं कि विधायक अंदर गए और ईवीएम को तोड़ दिया। 180 देश और दुनिया के सभी लोकतंत्र एक बार ईवीएम का उपयोग कर चुके हैं। एलन मस्क ने स्पष्ट रूप से कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। याचिका में अन्य प्रार्थनाओं में उन उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराना शामिल है, जिन्होंने चुनावों में भ्रष्टाचार किया है।
याचिकाकर्ता ने आगे कहा, प्रार्थना का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। अगर लोकतंत्र इस तरह मरता रहेगा और हम कुछ नहीं करेंगे तो भविष्य का क्या होगा? राजनीतिक दलों को जवाबी याचिका दायर करने दें लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।