जिसे स्वाभाविक मौत माना, वो निकली हादसा, फिर हुई कार्रवाई

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  • गर्भवती बीवी की चिता से राख उठा रहे पति के हाथ आया सर्जिकल ब्लेड।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। लोग डॉक्टर्स को भगवान का दूसरा रुप मानते हैं। जिस तरह से भगवान इंसान को जिंदगी देकर इस दुनिया में भेजता है, उसी तरह डॉक्टर्स धरती पर इंसान की जान बचाते हैं। ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां गंभीर बीमारियों से हार मान चुके पेशेंट्स को डॉक्टर्स नई जिंदगी देते हैं। लेकिन कई बार इन्हीं डॉक्टर्स की लापरवाही मरीज की जान ले लेती है।

मामला हस्तिनापुर थाना के राठौरा खुर्द गांव का है। यहां रहने वाले संदीप की पत्नी नवनीत कौर को डिलीवरी के लिए मेरठ के कस्बा मवाना के जेके अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। लेकिन सर्जरी के दौरान उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने इसे नियति मान लिया और शव को घर ले आए और अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो दिन बाद जब अस्थि विसर्जन के लिए मृतका का पति और परिजन शमशान घाट पर चिता की राख बटोर रहे थे, तो पति के हाथ अचानक एक तेज धार वाला पतला धातु हाथ में आया। जब उसे साफ करके देखा, तो वह सर्जिकल ब्लेड था। जिसे देखते हुए पति के होश उड़ गए और उसे पूरा माजरा समझ में आ गया।

पति ने आरोप लगाया कि महिला के आॅपरेशन के दौरान
उसके पेट में यही सर्जिकल ब्लेड छोड़ दी गई थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने इसकी शिकायत दर्ज करवाई। परिजन सीएमओ आॅफिस भी गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने घटना सामने आने के बाद अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। साथ ही इसके लिए जांच कमेटी भी गठित कर दी है।

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