गन्ना-मूल्य भुगतान को 9 साल पहले किया था हाईवे जाम
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में 9 वर्ष पहले बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर हाईवे जाम करने के आरोप में नामजद रालोद के 9 नेता और कार्यकतार्ओं ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। न्यायिक अभिरक्षा में लिये जाने के बाद कोर्ट ने सभी 9 आरोपियों की जमानत स्वीकार कर ली। जिसके बाद सभी को रिहा कर दिया गया।
बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग को लेकर रालोद नेताओं ने 9 वर्ष पूर्व प्रदेश व्यापी आंदोलन किया था। 25 फरवरी 2014 रालोद के तत्कालीन जिलाध्यक्ष अजित राठी के नेतृत्व में रालोद कार्यकतार्ओं और पदाधिकारियों ने हाईवे पर मंसूरपुर के निकट हंगामा करते हुए जाम लगा दिया था।
रालोद नेताओं ने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान की मांग करते हुए हाईवे जाम कर करीब तीन घंटे तक सभा की थी। जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया था। थाना मंसूरपुर पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेते हुए 14 रालोद नेताओं के विरुद्ध नामजद और सैकड़ों अज्ञात पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रवण कुमार सोम ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में विवेचना कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। जिसके बाद सभी नामजद आरोपितों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपित रालोद के प्रदेश संगठन महामंत्री अजित राठी, पंकज राठी, अशोक, अमित पुत्र प्रेम, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संजय राठी, अमित पुत्र राजेश, कल्लू, विकास बालियान, अमित पुत्र हरस्वरूप ने सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट संख्या सात में आत्मसमर्पण कर दिया। अधिवक्ता श्रवण कुमार सोम ने बताया कि कोर्ट ने सभी आरोपितों के जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए उन्हें रिहा कर दिया।