मेरठ: कैंट में लगा गंदगी का अंबार, छावनी परीषद् बना रहा सेल्फी प्वाइंट

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प्रेमशंकर, मेरठ। छावनी परीषद् ने इस बार पूरे देश की 62 छावनियों में 16वां स्थान हासिल किया है। जबकि पिछली बार यह 27वें स्थान पर था, यानी कहा जा सकता है इस बार छावनी परीषद् ने ग्यारह स्थान आगे की छलांग लगाई है। लेकिन छावनी के कई इलाकों में आज भी गंदगी का अंबार लगा है जबकि कैंट बोर्ड दो स्थानों पर स्वच्छता का ढोल पीटते हुए सेल्फी प्वाइंट बनाकर अपनी पीठ थपथपा रहा है।

 

 

छावनी परीषद् ने माल रोड स्थित गांधी बाग और रजबन में स्वच्छ छावनी को लेकर सेल्फी प्वाइंट बनाए है। इन दोनों स्थानों पर छावनी की जनता से अपील की गई है कि वह यहां आकर अपनी सेल्फी खींचने के बाद उसे कैंट बोर्ड को भेजे साथ ही सोशल मीडिया पर भी अपलोड करें। लेकिन कैंट के वार्ड-1 और 3 में रहने वाली जनता गंदगी के बीच रहने को मजबूर है। वार्ड-1 के तोपखाना इलाके की घनी आबादी के बीच कूड़े का ढेर लगा है।

कैंट में जगह-जगह लगा गंदगी का अंबार

स्थानीय लोगों का कहना है पिछले पांच दिनों से यहां से कूड़ा नहीं उठाया गया है। यहां रहने वाली जनता को बदबू में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस वजह से सांस लेने के लिए शुद्ध हवा तक नहीं मिलती है। गर्मियों में तो हालात और भी गंभीर हो जाते है। इसी तरह लालकुर्ती वार्ड-3 के जामुन मोहल्ला व मैदा मोहल्ले में भी गंदगी का अंबार लगा है। नालियां चोक है, जिनका गंदा पानी सड़को पर लोगों के घरों के पास जमा हो रहा है।

 

सड़कों पर कूड़ा इकट्ठा है जिसे कई दिनों से उठाने वाला कोई नहीं आया है। कूड़े की वजह से मच्छर-मक्खियां पनप रही है। लोेग बीमार हो रहें है लेकिन छावनी परीषद् के अधिकारियों को यह सब नजर नहीं आता है।

 

– करीब पौने दो लाख की आबादी है कैंट में

छावनी परीषद् के मीडिया प्रभारी जयपाल तोमर ने बताया छावनी में 2011 से जनगणना नहीं हुई है उस समय कैंट की आबादी 93 हजार थी। लेकिन पिछले बारह वर्षो में यह बढ़कर कितनी हो चुकी है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन पिछले बारह वर्षो में आबादी दोगुनी होने से इंकार भी नहीं किया जा सकता।

 

– नई मशीनों के आने के बाद भी हालात नाजुक

कैंट बोर्ड ने अभी हाल ही में रजबन में कूड़ा निस्तरण प्लांट के लिए करोड़ो रूपये की मशीनों को खरीदा है। जबकि जगह-जगह से कूड़ा उठाने के लिए भी आधुनिक मशीनों को खरीदने की तैयारी है। यह सिलसिला कई साल से चल रहा है मगर तोपखाना और लालकुर्ती में सफाई व्यवस्था क्यों खराब है इसको लेकर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

 

कुल मिलाकर कैंट क्षेत्र में रहने वाली जनता को कबतक गंदगी से निजात मिलेगी यह बताने वाला कोई नहीं है जिस वजह से दिनों दिन हालात और बिगड़ते जा रहें है।

 

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