नई दिल्ली: शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है, खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर लिखा। कि ” भाजपा को भारत के संविधान से इतनी नफ़रत क्यों हो गई है? यह सवाल हम महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व असम के मुख्यमंत्री से तो पूछ ही रही रहें हैं, मोदी जी, जिनको लोकसभा चुनाव के बाद संसद में संविधान को झुककर प्रणाम करना पड़ा, उनसे भी पूछ रहें हैं।
खरगे ने आगे लिखा “BJP/RSS के नेता संविधान को बार-बार नक्सलवाद से जोड़कर क्या देश में मनुस्मृति लागू करने का अपना पराजित एजेंडा लाना चाहते है? BJP/RSS के नेता ये बर्दाश्त नहीं कर पा रहें हैं कि संविधान सभी को बराबरी का हक़ देता है और दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक व ग़रीब वर्गों को शक्ति प्रदान करता है। RSS के मुखपत्र Organiser ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि —
“भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमे भारतीय कुछ भी नहीं है… प्राचीन भारत के अद्भुत संवैधानिक विकास के बारे में इसमें कोई ज़िक्र ही नहीं है… आज तक मनुस्मृति में दर्ज मनु के कानून दुनिया की प्रशंसा का कारण हैं और वे स्वयंस्फूर्त आज्ञाकारिता और अनुरूपता पैदा करते हैं… हमारे संवैधानिक विशेषज्ञों के लिए यह सब निरर्थक है।” यहां आरएसएस साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी अंबेडकर के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में खड़ी है।
पूरा देश जानता है कि संघ परिवार ने उस समय किस तरह संविधान की प्रतियां जलाईं व पंडित नेहरू व बाबासाहेब आंबेडकर जी के पुतले फूंके !
महाराष्ट्र और देश की जनता संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी, भाजपा को करारा जवाब देगी।