ज्ञान प्रकाश
बहुत कम लोगों को पता होगा कि राजकपूर ने अपनी फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम को लता मंगेशकर को ध्यान में रख कर बनाने की योजना बनाई थी। राज कपूर चाहते थे लता मंगेशकर का चेहरा फिल्म की हीरोइन के लिए फिट है। उन्होंने लता मंगेशकर से इस बारे में बात भी की लेकिन लता मंगेशकर ने ये कह कर मना कर दिया कि वो सिर्फ गाने से ही जुड़ी रहना चाहती है।
राज कपूर ने इसके बाद हेमा मालिनी और विद्या सिन्हा से बात की लेकिन वो लोग जले हुए गाल के लुक के साथ काम नहीं करना चाहती थी। बाद में राजकपूर ने जीनत अमान से बात की। जीनत अमान ने इस चुनौतीपूर्ण रोल को स्वीकार कर लिया।
वीर सांघवी ने अपनी किताब में लिखा कि लता मंगेशकर इस बात से नाराज थी कि कहानी उनको लेकर लिखी गई है। फिल्म में जीनत के बाल रूप के लिए राज कपूर ने 100 लड़कियों को बुलाया गया। बाद में पद्मिनी कोल्हापुरी को चुना गया। राज कपूर ने जीनत अमान के शरीर पर ज्यादा फोकस किया।
फिल्म के संगीत के लिए राज कपूर ने पहले शंकर को लेने वाले थे लेकिन बात नहीं बनी। बाद में हृदय नाथ मंगेशकर पर चर्चा हुई लेकिन बात नहीं बनी। फिर अचानक लक्ष्मी कांत प्यारेलाल को लिया गया। इस बीच लता मंगेशकर ने गाने से मना कर दिया। बाद में लक्ष्मी कांत प्यारेलाल ने लता मंगेशकर से सारे गीत गवाए । राजकपूर ने पूरी फिल्म अपने बेस्ट फ्रेंड मुकेश को डेडिकेट किया था। इन्होंने एक गीत भी गाया था और बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी। बाद में उनके बेटे नितिन मुकेश ने वो औरत है गाया था।