पुलिस कप्तान के कहने पर भी इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज करने से कर दिया मना।
आदेश न मानना पूरे थाने पर ही भारी पड़ गया।
सीतापुर। पुलिस कप्तान का आदेश न मानना पूरे थाने पर ही भारी पड़ गया। मादक पदार्थ की बरामदगी का केस दर्ज करने से इंकार करने पर एसपी ने न सिर्फ इंस्पेक्टर समेत पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया, बल्कि दो चौकी प्रभारियों को भी हटा दिया। एक साथ 26 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। जिस थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उसकी कमान अब एसपी के पीआरओ को सौंप दी गई है।
क्राइम ब्रांच ने मादक पदार्थ की बरामदगी की थी। क्राइम ब्रांच इसका मुकदमा कमलापुर थाने में दर्ज कराना चाहती थी। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर भानु प्रताप सिंह ने मुकदमे को यह कहते हुए दर्ज करने से मना कर दिया कि उनके क्षेत्र में यह बरामदगी की गई है तो पहले उन्हें सूचित किया जाना चाहिए था। इंस्पेक्टर के मना करने पर क्राइम ब्रांच ने इसकी सूचना पुलिस कप्तान को दी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिसके बाद एसपी चक्रेश मिश्रा ने इंस्पेक्टर कमलापुर से यह केस दर्ज करने को कहा। बताते हैं कि इंस्पेक्टर ने उनसे भी केस दर्ज करने से मना कर दिया। यह बात पुलिस कप्तान को नागवार गुजरी। इस के बाद 26 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
नाराज पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने कमलापुर के थाना प्रभारी भानु प्रताप सिंह के साथ ही मास्टरबाग चौकी प्रभारी पीयूष सिंह, कमलापुर कस्बे के चौकी प्रभारी तेज बहादुर सिंह और मुख्य
आरक्षी सुरेश कुमार हेड मोहर्रिर को लाइन हाजिर कर दिया। जिसको लेकर चचार्ओं का दौर जारी है।