- कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा चींटी से संघर्ष की प्रेरणा लेनी चाहिए।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शिव महापुराण कथा में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने संगठन में शक्ति का पाठ और हिन्दुओं से एक रहने की अपील की। चींटी का उदाहरण देते हुए कहा कि झुंड में चींटी बड़े से बड़ा पत्थर भी उठा ले जाती है। उन्होंने कहा कि हिन्दू संगठित रहेंगे तो कोई नहीं उन्हें आंख उठाकर देख सके।
शताब्दी नगर में चल रही कथा में प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान सब को मिलेगा। बाबा औघड़नाथ की कृपा हुई होगी। बाबा ने आपको मौका दिया है, कथा सुनने का। कहर, चींटी से हमको सीखने को मिलता है। चींटी समूह में रहती है और कतारबद्ध होकर चलती है। कथावाचक ने बंटोगे तो कटोगे का नारा दोहराया। कहा एक साथ रहेंगे तो किसी की सामर्थ्य नहीं जो तुम्हें काट दे। परिवार का उदाहरण देते हुए बताया कि जब परिवार बड़ा होता था तो किसी की हिम्मत नहीं होती थी कोई झगड़ा कर ले। कहा कि सामूहिकता में रहो, अपनी कतार में चलो अपने धर्म को छोड़कर अन्य कतार में जाओ। संसार में जो अच्छा लगे, उसकी अच्छाई ले लो. बुराई वहीं छोड़ दो।
उन्होंने कहा कि संत जहां भी जाते हैं सुगंध फैलाते हैं। जगदगुरु शंकराचार्य पृथ्वी पर आए और चारों और भक्ति को सुगंध फैलायी। चार पीठों का निर्माण किया। रामेश्वरधाम, सोमनाथधाम, केदारनाथ और महाबागेश्वर धाम का निर्माण किया। चारों पीठों पर भगवान शंकर को विराजमान कर दिया। जितने साधु-संत उपासक है, वह अगरबत्ती की तरह हैं। वह भक्ति की अलख जगा रहे हैं। सुगंध फैलाने वाली अगरबत्ती को फूंक कर बुझा सकते।
तेरी लीला तू ही जाने: प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शादी के समय मामा के यहां कार्ड भेज रहे हैं, शादी के समय भी सबमें सुराई देखते हैं। बुराई करते हैं। गणेश का नाम लिख रहे हो, शगुन हो रहा है, ऐसे समय में कोई कितना भी बुरा हो, उसकी अच्छाई को देखो। घर में जो बहू आए, वह अच्छाई देखकर प्रवेश करे। बेटी, माता बहनें सीरियल देखती थी, अब शिवमहापुराण की कथा देखती हैं। पहले सीरियल का इंतजार रहता था, अब इंतजार रहता है शिव महापुराण की का कहां से आ रही है। शिवपुराण कथा ऊर्जा भर देती है।
हापुड़ निवासी रीशु कुमार ने बताया कि 2018 में ग्राम पंचायत अधिकारी की परीक्षा दी थी लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली।
नौकरी के लिए कई परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिली। अपनी मां के कहने पर शिव महापुराण कथा सुनना शुरू किया, बेलपत्र पर शहद लगाकर एक लोटा जल के साथ भगवान शिव को चढ़ाया। भगवान के आशीर्वाद से 2018 में जो परीक्षा दी थी यह निरस्त होकर 2022 में हुई। परीक्षा फिर से हुई और अब ग्राम पंचायत अधिकारी है। कथा के आयोजन में डाक्टर ब्रजभूषण अग्रवाल, जयप्रकाश अग्रवाल, संदीप अग्रवाल, अमन अग्रवाल का योगदान रहा।