शारदा न्यूज़, मेरठ। भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के 162 वे जन्म दिवस पर महामना मालवीय मिशन की मेरठ इकाई द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का विषय ”वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मदन मोहन मालवीय के विचारों की प्रासंगिकता” था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के इतिहास के प्रोफेसर डॉ सुशील पांडेय थे।
मुख्य वक्ता ने मालवीय जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि आज भारत ही नहीं वैश्विक समस्याओं के समाधान का दृष्टिकोण मालवीय जी ने प्रस्तुत किया है। मालवीय जी बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे कुशल संगठनकर्ता, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक, अधिवक्ता, शिक्षाविद और कई समाचार पत्रों के संपादक थे। मालवीय जी अत्यंत उदार विचारों के आधार पर समाज का पुनर्निर्माण चाहते थे। भारतीय ज्ञान प्रणाली और सनातन धर्म के विचारों के आधार पर ही नए भारत के निर्माण के पक्षधर थे। महामना के विचारों के आधार पर ही आधुनिक शिक्षा प्रणाली सफल हो सकती है और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा कि मालवीय जी के विचार सदैव प्रासंगिक रहेंगे और समाज को प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र एवं वर्तमान में मेरठ कॉलेज मेरठ के दर्शन शास्त्र के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर डीएन सिंह ने की। कार्यक्रम के अंत में मालवीय मिशन के केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रोफेसर रूपनारायण जी ने कहा की मिशन मालवीय जी के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है।