• गन्ना बकाया भुगतान और एमएसपी की गारंटी सहित कई मांगों को लेकर पंचायत के बाद दिया ज्ञापन।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। गन्ना बकाया भुगतान और एमएसपी की गारंटी समेत कई मांगों को लेकर भाकियू टिकैत ने कमिश्नरी का घेराव शुरू कर दिया है। सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ हजारों किसान कमिश्नरी पार्क पहुंच गए हैं। खाने के लिए किसानों ने कड़ाही चढ़ा दी है और रागिनी शुरू हो गई हैं।

भारतीय किसान यूनियन की ओर से आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में ट्रैक्टर तिरंगा मार्च निकाला जा रहा है। मेरठ में भाकियू कार्यकतार्ओं की ओर से कमिश्नरी का घेराव कर किसानों की समस्याओं को जोर-शोर से उठाया जाएगा। किसान ट्रैक्टरों में सवार होकर कंकरखेड़ा और गंगानगर की ओर से कमिश्नरी पहुंच रहे हैं।

ट्रैक्टर मार्च के दौरान पिछले माह दिए गए ज्ञापन की समस्याओं को भी अधिकारियों के सामने रखा जाएगा। मेरठ में ट्रैक्टर तिरंगा मार्च को लेकर गुरुवार को भी नंगलाताशी कंकरखेड़ा में बैठक हुई। इस दौरान जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कार्यकतार्ओं से अधिक से अधिक संख्या में कमिश्नरी पहुंचने का आह्वान किया था। जिसके बाद शुक्रवार सुबह से ही जहां पुलिस प्रशासन ने मंडलायुक्त कार्यालय और कलक्ट्रेट की घेराबंदी कर दी थी। वहीं किसानों का भी ट्रैक्टर लेकर कमिश्नरी के सामने पहुंचना शुरू हो गया था।
ट्रैक्टरों की भीड़ से कमीशनरी चौराहा जाम होकर रह गया। किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस बल लगाया गया। किसानों के ट्रेक्टर रोकने के लिए पुलिस ने चारों तरफ बेरीकेडिंग की हुई है। ट्रेक्टर रोकने पर पुलिस से किसानों की झड़प भी हुई। किसानों ने पुलिस के एक सिपाही पर किसान को चाटा मारने का आरोप लगाया। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी कांकरखेड़ा की तरफ से और हर्ष चहल गंगानगर की तरफ से ट्रेक्टर मार्च लेकर पहुंचे।
इस दौरान पंचायत में जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने किसानों को रोक रहे पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान रूकने वाला नहीं है। यदि उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो आंदोलन न केवल लंबा चल सकता है, बल्कि उसका रूप और रूख भी बदल सकता है।

स्मार्ट मीटर को लेकर उग्र हुए किसान

भाकियू टिकैत के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि चुनाव के दौरान भाजपा सरकार ने किसानों के हितों के वादे किये थे। लेकिन अब सभी वादों को भूल चुकी है। किसानों के खेतों में स्मार्ट मीटर लगवाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया जा रहा है। किसानों को खेती के लिए महंगा खाद्य खरीदना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से खेती खराब कर रहे आवारा छुट्टा पशुओं से निजात दिलवाने, तालाबों की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने आदि की मांग की। चेतावनी दी कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हुआ, तो जिस तरीके से बार्डर पर धरने पर बैठे थे। उसी तरह मेरठ में भी धरने पर बैठ जाएंगे। इस दौरान किसानों के समर्थन में दर्जनों अधिवक्ता भी मेरठ कॉलेज के गेट पर पहुंच गए और उन्होंने मेरठ को हाई कोर्ट बेंच दिलाने की मांग की।

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