शारदा रिपोर्टर मेरठ। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल मेरठ शहर में दोपहर में भी स्ट्रीट लाइट व हाई मास्ट लाइट जलती है। दिन के उजाले में स्ट्रीट लाइट जलते हुए नगर निगम के अधिकारी देख रहे हैं, लेकिन वह ठेका एजेंसी के आगे नतमस्तक हैं। चाहते हुए भी स्ट्रीट लाइट को चालू व बंद करने का सिस्टम नहीं स्थापित करा पा रहे हैं। यह बात दीगर है कि ठेका एजेंसी को भुगतान की संस्तुति देते वक्त अफसर अनुबंध की शर्तों का पालन कराना भूल जाते हैं।
स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था का जायजा लेने निकले तो व्यवस्था पूरी तरह चौपट मिली। शहर की स्ट्रीट लाइट के रखरखाव व संचालन का ठेका ईईएसएल को दिया गया है। ईईएसएल ने एलईडी लाइटें तो शहर के अधिकांश हिस्से में लगा दी हैं। लेकिन लाइट को चालू और बंद करने के लिए सेंट्रल कंट्रोल एंड मानीटरिंग सिस्टम (सीसीएमएस) कहीं नहीं लगाए। जिसके चलते मेरठ शहर में दिल्ली रोड, गढ़ रोड, हापुड़ रोड, बेगम पुल, मवाना रोड, सिविल लाइंस की सड़क, बिजली बंबा बाइपास आदि मुख्य मार्गों पर दिनभर स्ट्रीट लाइट जलती रहती है।
वहीं ईईएसएल को एलईडी लगाने का ठेका देने के पीछे मकसद था कि, इससे ऊर्जा खपत कम होगी और बिजली के भारी भरकम बिलों से छुटकारा मिलेगा। लेकिन यह मकसद नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही से पूरा नहीं हुआ। बिजली खपत जांचने के लिए मीटर लगाने का भी प्रावधान था। लेकिन, वह भी पूरा नहीं किया गया। नतीजा, बिजली के बिल पुराने ढर्रे पर भुगतान किये जा रहे हैं। गौरतलब है कि, शहर की स्ट्रीट लाइट व्यवस्था का प्रभार निवर्तमान अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शांडिल्यायन के पास था। उन्होंने ईईएसएल को 4 करोड़ 19 लाख के भुगतान की संस्तुति तो कर दी। लेकिन अनुबंध की शर्तों का पालन कराने पर ध्यान नहीं दिया।