मनाया शान्तिनाथ भगवान का जन्मकल्याणक

Share post:

Date:


शारदा रिपोर्टर हस्तिनापुर। ऐतिहासिक नगरी में तीर्थधाम चिदायतन प्रतिष्ठा महा महोत्सव के तीसरे दिन का शुभारम्भ शांतिजाप और भगवान की पूजन-वंदन के साथ हुआ।

इन्द्र सभा में मंगलाचरण के बाद अरहन्तो भगवंत इन्द्र महिता तीनभुवन के नाथ पधारे आदि गीतों पर ब्राह्मी सुन्दरी विद्यानिकेतन की कन्याओं व अष्टदेवियों द्वारा सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया गया। सभा के मध्य अचानक सौधर्म इन्द्र का सिंहासन कम्पायमान हुआ और घंटनाद आदि के साथ सौधर्म इंद्र को बाल तीर्थंकर के जन्म का स्मरण हुआ। सर्वत्र एक प्रकार का नूतन आल्हाद छा गया। जहां एक ओर स्वर्ग के दिव्य वाद्यों के साथ सौधर्मेन्द्र ने ऐरावत हाथी पर बैठकर हस्तिनापुर नगरी की तीन प्रदक्षिणाएं दीं।

 

 

वहीं दूसरी ओर भगवान के पिता महाराजा अश्वसेन के दरबार में एक दूत ने अपनी टोली के साथ ‘बाज्यो रे ढोल… गीत पर भगवान के जन्म की शुभ सूचना के साथ मनमोहक नृत्य प्रस्तुती हुई। इस मौके पर सभी श्रद्धालुओं ने अपनी जगह पर खड़े होकर जमकर नृत्य किया।

प्रभु के जन्मकल्याणक महोत्सव के शुभ अवसर पर सभी इंद्र-इंद्राणि एवं राजा-रानी हाथी पर सवार होकर ढ़ोल, नगाड़ों एवं धर्मध्वज आदि लेकर पाण्डुकशिला की ओर रवाना हुए। वहां बाल तीर्थंकर को पाण्डुकशिला पर विराजमान कर, उनका अनेक कलशों से अभिषेक किया गया।

 

 

इस मौके पर रजनीश जैन, नीरू केमीकल्स, ने पहला कलश, निमेश भाई परिवार, मुम्बई ने दूसरा कलश, अजय जैन, मुरादाबाद ने तीसरा कलश, सुनील जैन इटारसी परिवार ने चौथा कलश, विशुभाई परिवार, सूरत ने पांचवां कलश व मनुभाई लंदन हस्ते किरीट भाई गोसालिया लंदन ने छठवें कलश से भगवान का अभिषेक कर धर्मलाभ लिया। सभी ने झूमझूमकर प्रभु की भक्ति की और जयकारों के साथ पुनः कार्यक्रम पाण्डाल में प्रवेश किया।

 

 

दिव्य ऐरावत हाथी पर सवार सौधर्म इंद्र-इंद्राणी ने मंच पर पहुंचकर बाल प्रभु को उनकी माता को सौंपा और सौधर्म इंद्र का पात्र निभा रहे स्वप्निल जैन ने ताण्डव नृत्य प्रस्तुत किया। सायंकालीन सत्र में जिनेन्द्र भक्ति का आयोजन हुआ। प्रवचन सत्र में प्रथम वक्ता के रूप में पण्डित राजेन्द्र जैन, जबलपुर एवं दूसरे वक्ता के रूप में पण्डित नीलेश जैन, मुम्बई ने अपना वक्तव्य दिया।

 

 

आकर्षण का केंद्र रहा प्रभु का पालना

तीसरे दिन का मुख्य आकर्षण बाल प्रभु के लिए बनाया गया विराट, भव्य एवं विशाल पालना रहा। इस पालना झूलन कार्यक्रम में सभी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। पहले कई प्रान्तों से आए राजाओं ने भगवान के माता-पिता को कई भेंट प्रस्तुत कीं और फिर सभी ने एक-एक कर बाल प्रभु को पालने में झुलाया। विशाल मंच पर सजा विराट पालना अलग ही छटा बिखेरे हुए था। सभी ने प्रभु को पालना झुला कर खुद को धन्य महसूस किया और भावुकता के इस क्षण को सभी ने दिल खोलकर मनाया। इस दौरान पाण्डाल में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने भक्ति नृत्य किया।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular

More like this
Related

निगम को हैंडओवर के बाद भी सुविधाओं को जूझ रही कॉलोनियां

2020 में नगर निगम को हैंड ओवर हुई थी...

प्रयागराज में भीषण जाम, बोर्ड परीक्षा टाली गई

संगम से दस किमी पहले रोके जा रहे वाहन एजेंसी...

मेरठ: दो पक्षों में चले लाठी-डंडे, हुआ पथराव, जांच में जुटी पुलिस

शारदा रिपोर्टर मेरठ। लिसाड़ी गेट स्थित शाहजहां कॉलोनी में...