लोकेश अग्रवाल

शारदा रिपोर्टर

मेरठ। गुरूवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा संसद में अपने कार्यकाल का छठ बजट पेश किया गया। बजट में समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है लेकिन व्यापारी नेता व विपक्षी राजनीतिक दलों ने बजट पर सवाल उठाए है।

व्यापारी नेता और उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें व्यापारी समाज की अनदेखी की गई है। जबकि व्यापारी समाज लगातार ज्ञापन के माध्यम से वित्त मंत्री के सामने अपनी मांगों को प्रस्तुत करता रहा। बजट में कुटीर, घरेलू व लघु उद्योगों के साथ रिटेल और छोटे मझौले दुकानदारों की बेसिक जरूरतो को भी अनदेखा किया गया है

व्यापारियों द्वारा 1.72 लाख करोड़ के रिकार्डतोड़ जीएसटी संग्रह के बाबजूद व्यापारियों को जीएसटी मे कोई छूट नहीं दी गयी है। जीएसटी जैसे कानून में सरलीकरण ना होने से पूरे भारत का व्यापारी जुर्माने की प्रक्रिया से पीड़ित है। 2017-18 व 2018-19 के वर्षों में जिस प्रकार चंद रुपए की भूल पर जीएसटी विभाग द्वारा जुमार्ना लगाया जा रहा है इससे व्यापार नष्ट होने की कगार पर है। व्यापारियों की नगद लेन देन की सीमा बढ़ानें, मंडी शुल्क समाप्त करनें, व्यापारी पेंशन, बाजारों को बचाने के लिए आनलाइन व्यापार पर दस प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स, आटा,कपड़ा आदि को जीएसटी मुक्त करनें आदि मांगों को सिरे से नकार दिया गया है।

 

– युवा कांग्रेस ने भी उठाया सवाल

 

उप्र युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मुदब्बिर चौधरी

   गुरूवार को पेश किए गए बजट को लेकर कांग्रेस ने भी सवाल उठाएं है। उप्र युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मुदब्बिर चौधरी ने कहा कि वित्तमंत्री द्वारा पेश किया गया यह बजट पिछले पांच सालों का सबसे बेकार बजट है। इसमें युवाओं व किसानों के लिए कुछ भी नया नहीं है। सरकार द्वारा युवाओं को हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वायदा किया गया था जबकि किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही गई थी। लेकिन यह दोनों वादे हवा-हवाई साबित हुए। अब लोकसभा चुनावों में जनता केंद्र सरकार को सबक सिखाएगी।

 

– आम आदमी ने भी बजट पर उठाए सवाल

आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी

वित्तमंत्री द्वारा पेश किये गए बजट ने देश की जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। यह कहना है आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष अंकुश चौधरी का। उन्होंने बजट पर अपनी प्रक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में टैक्स में कोई रियायत नहीं दी गई है। जबकि पेट्रोल-डीजल व गैस के दामों मे भी कोई कटौती नहीं की गई। महिला सुरक्षा व उत्थान केवल कागजों में ही नजर आता है जबकि युवाओं के लिए रोजगार की कोई गारंटी नहीं दी गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here