MEERUT NEWS: जमीन घोटाले में विभागीय नहीं, एफआईआर और गिरफ्तारी हो

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– मोदी रबर को लीज पर दी गई जमीन का दाखिल खारिज करने के मामले में अमिताभ ठाकुर ने की मांग


शारदा रिपोर्टर, मेरठ– आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने 1100 करोड रुपए की सरकारी भूमि एक निजी कंपनी को अवैध ढंग से खारिज दाखिल किए जाने के आरोपों में घिरे तत्कालीन एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

यूपी के मुख्य सचिव तथा डीजीपी को भेजे अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि इस मामले में कई वर्षों की उच्चस्तरीय गहन जांच हुई है। जिसके बाद आरोप प्रथमदृष्टया स्थापित होने के बाद भी शासन द्वारा तत्कालीन एसडीएम के खिलाफ मात्र विभागीय कार्यवाही प्रारंभ किया जाना घोर आपत्तिजनक है। यह वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध बनाता है।

उन्होंने कहा कि इतने गंभीर मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज किया जाना नितांत आवश्यक है। उन्होंने मुख्य सचिव तथा डीजीपी से तत्काल एफआईआर दर्ज कराते हुए अमित भारतीय सहित समस्त दोषी कर्मियों को गिरफ्तार कराए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने अमित भारतीय को तत्काल निलंबित किए जाने की मांग भी की है।

ये है पूरा मामला

मैसर्स मोदी रबर लिमिटेड को 1972 में 30 वर्ष के लिए मोदीपुरम में 117 एकड़ सरकारी जमीन गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत लीज पर दी गई थी। मोदी रबर ने 2010 में इस जमीन को जर्मनी की कंपनी कॉन्टिनेंटल को बेच दिया था। 2020 में सरधना के तत्कालीन एसडीएम अमित कुमार भारतीय ने इस जमीन का दाखिल खारिज कॉन्टिनेंटल के नाम कर दिया था। आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने तत्कालीन कमिश्नर सुरेंद्र सिंह से शिकायत करते हुए मोदी रबर पर अरबों की जमीन का घोटाला करने का आरोप लगाया था।

तीन IAS अधिकारियों से कराई जांच

बताया था कि सरकार की श्रेणी 1 (ख) की यह भूमि है, जिसका नामांतरण या हस्तानांतरण नहीं हो सकता। कमिश्नर ने तीन आईएएस अधिकारियों तत्कालीन अपर आयुक्त वी.चैत्रा, एमडीए वीसी मृदुल चौधरी, एसडीएम सदर संदीप भागिया से इस मामले की जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। जांच के बाद लोकेश खुराना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी डाली थी।

 

जांच रिपोर्ट के आधार पर अब शासन ने तत्कालीन एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय को इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए उन्हें आरोप पत्र जारी किया है। साथ ही उन पर आरोपों की जांच के लिए कानपुर मंडलायुक्त को जांच अधिकारी नियुक्ति किया है।

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