शारदा रिपोर्टर, मेरठ- तिरूपति बालाजी मंदिर में प्रसाद विवाद को लेकर शनिवार को विश्व हिंदू परिषद मेरठ प्रांत के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में मांग की गई कि उत्तर प्रदेश में जिन मंदिरों को सरकार ने अधिग्रहित किया हुआ है, उनको मुक्त किया जाए। ताकि उनके प्रसाद और अन्य कार्यों की पवित्रता बनी रह सके।
महानगर अध्यक्ष डा. अक्षय जैन और महानगर महामंत्री पवन कश्यप ने बताया कि तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित होने वाले महाप्रसाद की पवित्रता के संबंध में आस्थावान हिंदुओं की बहुत श्रद्धा होती है। दुर्भाग्य से इस महाप्रसाद को बनाने वाले घी में गाय व सूअर की चर्वी तथा मछली के तेल की मिलावट के अत्यंत दुखद और हृदय विदारक समाचार आ रहे हैं। पूरे देश का हिंदू समाज आक्रोशित है, और हिंदुओं का क्रोध अलग-अलग रूप में प्रकट हो रहा है। इस पवित्र तीर्थ का संचालन आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित बोर्ड के द्वारा होता है।
वहां केवल महाप्रसाद बनाने के मामले में ही हिंदू आस्थाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया। बल्कि हिंदुओं के द्वारा अत्यंत श्रद्धाभाव से अर्पित की गई धनराशि आदि के सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं द्वारा दुरुपयोग के भी समाचार मिलते रहते हैं। कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का निरंतर दुरुपयोग करती रहती हैं तथा उनका उपयोग गैर हिंदू और हिंदू विरोधी कार्यों में करती रही हैं।
तिरुपति बालाजी व अन्य स्थानों पर की जा रही अनियमितताओं के कारण अब हिंदू समाज का यह विश्वास हो गया है कि अपने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराए बिना उनकी पवित्रता को पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता।
इसलिए उप्र की राज्य सरकार को उनके द्वारा नियंत्रित सभी हिंदू मंदिर अविलंब मुक्त करके हिंदू संतो और भक्तों को एक निश्चित व्यवस्था के अन्तर्गत सौंपने के लिए प्रेरित करें। यदि ऐसा नहीं होता तो आंदोलन करना पड़ेगा।