– बरामद घी की कीमत 60 लाख रुपये।
बुलंदशहर। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने स्याना रोड पर स्थित अवैध फैक्टरी में नकली देसी घी बनाने का भंडाफोड़ किया है। मौके से 10 हजार लीटर नकली घी बरामद किया गया है। जिसकी कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई जा रही है।
पार्श्वनाथ प्रीमियम घी के नाम से दिल्ली और राजस्थान में आपूर्ति की जा रही थी। इससे पहले जांच करने पहुंची टीम पर फैक्टरी के कर्मचारियों ने विदेशी नस्ल के कुत्ते छोड़ दिए थे। बाद में पुलिस की मदद से टीम फैक्टरी के अंदर दाखिल हुई।
खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचना मिली थी कि स्याना रोड स्थित गांव सराय छबीला से बालका गांव के रास्ते पर स्थित फैक्टरी में नकली देसी घी बनाया जा रहा है। इस पर विभाग की टीम फैक्टरी पहुंच गई। वहां तैनात बाउंसरों और कर्मचारियों ने गेट खोलने से इन्कार कर दिया। जबरन गेट खुलवाने का प्रयास किया तो उन्होंने विदेशी प्रजाति के कुत्तों को छोड़ दिया। इस पर टीम को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद कोतवाली देहात पुलिस को मौके पर बुलाकर फैक्टरी परिसर का गेट खुलवाया गया।
पुलिस की मदद से अंदर घुसी खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को नकली घी बनाने का सामान, घी के डिब्बे पर लगाने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद जिले के पते पर पार्श्वनाथ प्रीमियम घी के स्टिकर, फैक्टरी परिसर में लगे दो स्टोरेज टैंक से करीब 10 हजार लीटर नकली देसी घी बरामद किया गया। कर्मचारियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें दिल्ली स्थित कार्यालय से नौकरी पर रखा गया था। करीब एक साल पहले ही इस फैक्टरी पर भेजा गया है।
कर्मचारियों ने बताया कि अक्सर रात के समय गाड़ी रिफाइंड व वनस्पति घी लेकर आती है। इससे नकली घी बनाकर रात में ही टेट्रा पैक व 15 किलो के टीन में भरकर गाड़ी में लादकर दिल्ली और राजस्थान में सप्लाई किया जाता है। फैक्टरी में प्रतिदिन घी बनाने के बजाय केवल आॅर्डर पर ही काम किया जाता है। प्रतिमाह औसतन 50 लाख रुपये का नकली घी बनाकर सप्लाई किया जा रहा था। टीम ने मौके से करीब 27 लीटर एसेंस भी बरामद किया। बताया जा रहा है कि एसेंस की एक बूंद एक लीटर नकली घी में मिलाने से इससे स्वाद और खुशबू असली घी की तरह आती है।
मौके पर मिले पार्श्वनाथ प्रीमियम देसी घी के स्टीकर पर खाद्य सुरक्षा विभाग का लाइसेंस नंबर लिखा हुआ था। टीम ने नंबर के आधार पर जांच की तो पता चला कि लाइसेंस दो साल पहले दिल्ली से लिया गया था। हरियाणा के फरीदाबाद से लिया गया लाइसेंस एक्सपायर हो चुका है। फैक्टरी मालिक साक्षी गोयल ने बताया कि दिल्ली में मौजूद हैं।अधिकारियों ने नकली घी से भरे हुए दोनों स्टोरेज टैंक पर सील लगाते हुए घी के तीन समेत कुल पांच नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं।
एसडीएम सदर नवीन कुमार ने फैक्टरी की जांच कराई तो पाया गया कि खेती की जमीन पर फैक्टरी बनाई गई है। छह फरवरी 2025 को जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन के लिए आवेदन किया गया था लेकिन जांच में सहयोग न करने के कारण आवेदन को निरस्त किया जा चुका है। अब तहसील प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी। विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने पर पशु पालन विभाग, बिजली आपूर्ति पर ऊर्जा निगम, मौके से 30 घरेलू गैस सिलिंडर पाए जाने पर आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।
जीएसटी विभाग के राज्य कर अधिकारी बीरेंद्र पांडेय ने भी मौके पर पहुंचकर फैक्टरी की जांच की। जांच में पाया गया कि फैक्टरी संचालक की ओर से दो साल में मात्र 448 रुपये की जीएसटी जमा की गई है। इस वर्ष में अभी तक मात्र डेढ़ करोड़ रुपये का टर्नओवर ही दशार्या गया है। जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू कर दी है।