– नरेंद्र मोदी ने पश्चिम की नब्ज को पकड़ते हुए युवा और किसान को साधा
– भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ
– तेवर वही लेकिन हम से मैं पर रहा इस बार पूरा संबोधन
– तेवर वही लेकिन हम से मैं पर रहा इस बार पूरा संबोधन
अनुज मित्तल (समाचार संपादक)
मेरठ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेरठ में यह पांचवी रैली थी। इस रैली और पूर्व की रैलियों में तेवर वही रहे, लेकिन फर्क सिर्फ इतना आया कि इस बार पूरा संबोधन हम नहीं बल्कि मैं पर केंद्रित रहा। उन्होंने पश्चिम की नब्ज को पकड़ते हुए चौ. चरण सिंह से लेकर युवाओं और महिलाओं सबको साधा। अब तक के विकास का ब्यौरा देने के साथ वह 2029 तक का भी रोड मेप बता गए।
रविवार का दिन देश की राजनीति में बहुत अहम था। एक तरफ जहां दिल्ली में विपक्षी गठबंधन इंडी एकजुट होकर रामलीला मैदान में एनडीए और खासतौर पर मोदी के खिलाफ हुंकार भर रहा था, तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की क्रांतिधरा मेरठ पर नरेंद्र मोदी अपने गठबंधन के साथियों के साथ विपक्ष पर जमकर निशाना साध रहे थे। दोनों ही तरफ से मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार को लेकर था। हालांकि इसके बीच रोजगार, युवा और किसान के तीर भी दोनों तरफ से चल रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ में मेरठ और आसपास के क्षेत्र में क्या-क्या विकास अब तक हुआ, उसे गिनाया तो यह भी बता दिया कि 2029 तक गरीबी दूर कर देंगे। उन्होंने किसान सम्मान निधि के जरिए किसान को साधा तो महिला सशक्तिकरण योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को साधने का काम किया। जबकि विकास की राह पर आगे बढ़ रहे मेरठ क्षेत्र में भविष्य के लिए युवाओं को भी रोजगार के सपने दिखा गए।
पश्चिम की सियासी भूमि पर चलने वाले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नब्ज पर हाथ रखते हुए उन्होंने राम मंदिर निर्माण का भी मुद्दा उठाया और कहा कि इस बार अवध में भी रामलला होली खेले हैें। उन्होंने तीन तलाक और धारा 370 पर बोला, लेकिन सीएए पर अप्रत्याशित रूप से चुप्पी साध गए। मतलब साफ था कि वह जानते हैं कि जरा सी चूक पश्चिम में धु्रवीकरण का तानाबाना बुन सकती है, जो एनडीए के लिए गलत होगा।
मोदी के निशाने पर कांग्रेस पूरी तरह रही तो सपा को भी उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से निशाने पर रखा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शिबू सोरेन और अरविंद केजरीवाल के जेल में होने पर उन्होंने बिना नाम लिया कहा कि भ्रष्टचारी अब जेल में है। उन्होंने भ्रष्टाचार पर कांग्रेस को भी जमकर घसीटा। यही नहीं तमिलनाडू में एक द्वीप भारत से अलग होने का भी उन्होंन मंच से जिक्र किया और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने मां भारती का एक अंग अलग कर दिया। जिसके चलते आज वहां के मछुआरे परेशान हैं। लेकिन डीएमके चुप बैठी है।
इस बार रालोद का साथ मिलने से रैली सफल रही और भीड़ को देख मोदी और योगी दोनों जमकर बोले। इस बीच रालोद सुप्रीमों चौ. जयंत सिंह ने भी अपने दादा उनके आदर्शों को जहां जमकर याद किया तो नरेंद्र मोदी के कार्यों की तुलना अपने दादा चौ. चरण सिंह के कामों और सोच से की। नरेंद्र मोदी भी पीछे नहीं रहे, उन्होंने भी चौधरी चरण सिंह की शान में जमकर कसीदे पढ़े तो चौ. जयंत सिंह को अपना छोटा भाई बताते हुए रालोद कार्यकतार्ओं को अपनत्व का अहसास भी करा गए।
– वहीं इसके दूसरी ओर दिल्ली में भी सियासी तापमान पूरी तरह चढ़ा हुआ था। तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शरद पवार, भगवंत सिंह मान सहित तमाम नेताओं ने नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को जमकर कोसा। तेजस्वी यादव ने आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार देने का वादा करने वाली एनडीए सरकार पूरी तरह झूठ बोल रही है, देश के ग्रामीण क्षेत्र में आज भी 83 प्रतिशत युवा बेरोजगार है।
राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह ईडी, सीबीआई, इंकमटैक्स तथा निर्वाचन आयोग में अपने आदमी नियुक्त कर चुनावी मैच को फिक्स कराना चाहते हैं। यही नहीं उन्होंने चुनाव से ठीक पहले शिबू सोरेन और अरविंद केजरीवाल को जेल भिजवा दिया और कांग्रेस पार्टी के खाते सीज करा दिए। इसके अलावा ईडी और इंकम टैक्स की रेड डलवाई जा रही है।