Sambhal Jama Masjid dispute: संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान नाराज भीड़ ने पथराव और आगजनी कर दी। इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने हालात संभालने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। घटना में एक युवक की मौत की सूचना है।
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद पर दोबारा सर्वे को लेकर हुए पर विवाद ने रविवार को हिंसक रूप ले लिया। सर्वे के दौरान नाराज भीड़ ने पुलिस पर पथराव और आगजनी कर दी जिससे हालात बेकाबू हो गए। पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने और लाठीचार्ज करना पड़ा। घटना में बीस से अधिक पुलिस कर्मी और कई लोग चोटिल हो गए। एक युवक की मौत की खबर है। भीड़ ने दस से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
सुबह से ही विवादित माहौल
रविवार सुबह संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ सर्वेक्षण टीम जामा मस्जिद पहुंची। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के अंदर सर्वे का कार्य शुरू किया। जैसे ही स्थानीय लोगों को सर्वे की जानकारी मिली, नाराज मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मस्जिद के बाहर जमा हो गए।
मुस्लिम समाज ने सुबह-सुबह और छुट्टी के दिन सर्वेक्षण पर आपत्ति जताई। जल्द ही मस्जिद के बाहर करीब एक हजार लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ ने पुलिस को मस्जिद के अंदर जाने से रोकने की कोशिश की। पुलिस के समझाने पर भी लोग नहीं माने और हंगामा करने लगे।
स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब भीड़ ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। पत्थर लगने से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें एसपी के पीआरओ भी शामिल हैं। पथराव के बाद भीड़ ने सड़क पर आगजनी कर माहौल और खराब कर दिया। हालात काबू से बाहर होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की।
घटना के बाद इलाके में तनाव व्याप्त है। मस्जिद के चारों ओर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है और इलाके को सील कर दिया गया है। आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। डीएम और एसपी समेत जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं।
मस्जिद के अंदर करीब दो घंटे तक सर्वे चला। टीम ने मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया और अपनी प्रक्रिया पूरी की। सर्वेक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट 29 नवंबर को कोर्ट में पेश की जाएगी।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पत्थर लगने से कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गया। इसके बाद मौके पर तैनात पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। स्थिति काबू से बाहर होने पर पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
मस्जिद के अंदर सुबह लगभग दो घंटे तक सर्वे चला। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया। सर्वे पूरा होने के बाद टीम वहां से निकल गई। इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होनी है, जिसमें सर्वेक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी।