– भाई अब्बास के विधायक आवास से उठा ले गई गाजीपुर पुलिस।
लखनऊ। बाहुबली मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गाजीपुर पुलिस रविवार देर रात लखनऊ पहुंची। उमर अंसारी की लोकेशन दारुलशफा स्थित विधायक निवास में मिली। पुलिस ने छापा मारकर उमर को अरेस्ट किया और गाजीपुर ले गई।
उमर अंसारी जिस आवास में थे, वह उनके बड़े भाई और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से विधायक अब्बास अंसारी का है। दारुलशफा में प्रदेश के कई पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों का आवास है। ऐसे में यहां से उमर की गिरफ्तारी एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
आरोप है कि उमर ने फरार चल रही अपनी मां और एक लाख की इनामी अफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर कर अदालत में याचिका दाखिल की थी, ताकि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई संपत्ति को छुड़ाया जा सके। पुलिस मामले में उमर अंसारी से गाजीपुर में पूछताछ करेगी। वहीं कोर्ट में पेशी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इस कार्रवाई के बाद उमर अंसारी के परिवार और समर्थकों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इस संबंध में अभी कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है। माना जा रहा है कि सोमवार को पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उमर की गिरफ्तारी और केस से जुड़ी अहम जानकारियां सार्वजनिक करेगी। वहीं, अब्बास अंसारी ने एक्स पर पोस्ट किया है- ‘सूचना- अभी रात्रि 10:40 पर हमारे छोटे भाई उमर अंसारी को दारुलशफा स्थित आवास से कुछ पुलिसकर्मी अपने साथ ले गये हैं।
गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में उमर अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर के अनुसार, उमर ने अपनी मां अफशां अंसारी के नाम से एक याचिका अदालत में दायर की, जिसमें जब्त संपत्ति को मुक्त करने की मांग की गई थी। लेकिन याचिका के साथ लगाए गए दस्तावेजों में हस्ताक्षर संदिग्ध पाए गए। वकील लियाकत अली ने कोर्ट में दावा किया था कि अफशां ने खुद साइन कर याचिका उमर के माध्यम से भेजी है।
जब शासकीय अधिवक्ता से दस्तावेजों की जांच कराई गई तो सामने आया कि याचिका पर जो हस्ताक्षर थे, वे अफशां अंसारी के पूर्व के दस्तावेजों में दर्ज हस्ताक्षरों से बिल्कुल मेल नहीं खाते। इतना ही नहीं, अफशां वर्तमान में एक लाख की इनामी अभियुक्त है। गाजीपुर और मऊ पुलिस ने उस पर 50-50 हजार इनाम घोषित कर रखा है। उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी है। ऐसे में उनके द्वारा सीधे अदालत में याचिका दाखिल करना संदेह से परे नहीं था।
पुलिस के अनुसार, उमर अंसारी और उसके वकील ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत कोर्ट को भ्रमित किया और जब्त संपत्ति को छुड़ाने की मंशा से फर्जी दस्तावेज बनाए। दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि होते ही मामला संगीन नजर आया और कढउ में मामला दर्ज कर लिया गया।
उमर की गिरफ्तारी से परिवार पर दोहरा शिकंजा
मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास पहले से ही जमानत पर जेल से बाहर हैं। 2 साल की सजा होने के बाद उनकी विधायकी चली गई। अब छोटे बेटे उमर की गिरफ्तारी के बाद अंसारी परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।