30 से ज्यादा गांवों में पहुंचा पानी।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ क्षेत्र में गंगा नदी का बढ़ता जलस्तर गंभीर संकट बन गया है। बिजनौर बैराज से 2 लाख 30 हजार क्यूसेक और हरिद्वार से 2 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से स्थिति विकट हो गई है।
गंगा किनारे बसे फतेहपुर प्रेम, सिरजेपुर, शेरपुर, गावड़ी, हंसापुर, परसापुर, कुन्हेड़ा, चमरोज, लतीफपुर, भीमकुंड, खेड़ी कला, बधवा, मनोहरपुर, दूधली, मखदुमपुर, बस्तौरा, खरखाली, बस्तौरा, शेरगढ़ी सहित दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
इन गांवों के आसपास की सड़कों पर 1 से 2 फीट तक पानी भर चुका है। आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। संपर्क मार्गों पर गंगाजल इतना फैल चुका है कि वाहन तो दूर, पैदल निकलना भी खतरनाक हो गया है।
ग्रामीण नाव और ट्रैक्टरों के सहारे किसी तरह एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच रहे हैं। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। ग्रामीणों को राशन, दवाइयों और अन्य जरूरी वस्तुओं की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए हालात और भी अधिक कठिन होते जा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की टीम मौके पर नहीं पहुंची है। अब तक न तो कोई राहत सामग्री पहुंची है, न ही नाव या बचाव दल की तैनाती की गई है। इसके साथ ही खेतों में पानी पहुंचने से पशुओं के सामने अब चारे का संकट भी गहराता नजर आ रहा है।