Saturday, June 28, 2025
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प्रेमानंद महाराज से मिलने वृंदावन पहुंचे कोहली

– पत्नी अनुष्का भी साथ, ढाई घंटे आश्रम में रहे, महाराज से की चर्चा


मथुरा। विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अगले दिन मथुरा के वृंदावन पहुंचे। मंगलवार सुबह उन्होंने केली कुंज आश्रम में प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया। पत्नी अनुष्का शर्मा भी साथ रहीं।

विराट और अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज से करीब 15 मिनट एकांतिक वातार्लाप की। दोनों केली कुंज आश्रम में 2 घंटे 20 मिनट रहे। सुबह 7.20 बजे इनोवा कार से पहुंचे। 9.40 बजे वहां से निकले। विराट -अनुष्का कार में मास्क लगाए बैठे थे।

प्रेमानंद महाराज के आश्रम से जाने के करीब आधे घंटे बाद विराट-अनुष्का लौटे। इस दौरान विराट-अनुष्का ने आश्रम के कामों को देखा-समझा। विराट कोहली का वृंदावन का यह तीसरा दौरा था।
इससे पहले वह 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को वृंदावन आए थे। दोनों बार प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की थी। विराट कोहली वृंदावन में होटल रेडिसन में रुके हैं। मंगलवार तड़के यहां से प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे।

विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया था। कोहली ने इंस्टाग्राम पर लिखा था कि टेस्ट क्रिकेट ने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया, वो पाठ सिखाए जो जिंदगीभर मुझे याद रहेंगे।

असफलता में हमें कैसे रहना है: विराट

विराट-अनुष्का दोनों बच्चों के साथ 10 जनवरी 2025 को भी प्रेमानंद महाराज से मिलने आए थे। दोनों ने करीब 30 मिनट तक आध्यात्मिक चर्चा की थी। अनुष्का ने प्रेमानंद महाराज से भक्ति के लिए आशीर्वाद मांगा था।

तब बातचीत के दौरान विराट ने पूछा था कि असफलता से कैसे निकलें। महाराज ने कहा था कि अभ्यास जारी रखें, जीत निश्चित है। अपने अभ्यास को निरंतर और नियंत्रण में रखते हुए आगे बढ़ें। जैसे मेरे लिए नाम जप एक साधना है, वैसे ही आपके लिए क्रिकेट साधना है। बस बीच-बीच में भगवान का नाम लेते रहें।

उस समय हमको भगवान का चिंतन करते हुए धैर्य रखना है। ये बड़ा कठिन है। असफलता में कोई धैर्यपूर्वक मुस्कुरा के निकल जाए, ये बहुत बड़ी बात होती है। असफलता हमेशा नहीं रहेगी। दिन है तो रात आएगी, रात है तो दिन आएगा। हमको धैर्यपूर्वक भगवान का स्मरण करना चाहिए। पर यह बहुत कठिन है, क्योंकि जो सम्मान सफलता में मिलता है वो असफलता में नहीं मिलता।

उन्होंने कहा कि ‘विजय के लिए दो चीजों की आवश्यकता होती है। एक अभ्यास और दूसरा प्रारब्ध। यदि प्रारब्ध नहीं है, सिर्फ अभ्यास है, तब जीत मुश्किल हो जाती है। इसके लिए प्रभु के ज्ञान के साथ-साथ उनका नाम जपना आवश्यक है।’

अनुष्का ने पूछा था कि पिछली बार जब हम आए थे तो मन में कुछ सवाल थे, लेकिन मैं पूछ नहीं पाई। मैं आपसे मन ही मन बात कर रही थी। मेरे मन में जो सवाल थे, उसे कोई न कोई पूछ लेता था। प्रेमानंद महाराज बोले कि श्रीजी वो व्यवस्था कर देती हैं। सबसे बड़ी बात, हम साधना देकर लोगों को प्रसन्नता दे रहे हैं। ये पूरे भारत को प्रसन्नता एक खेल में देते हैं।

अनुष्का बोलीं कि मुझे प्रेम भक्ति दे दो आप बस। महाराज बोले- हमें लगता है भक्ति का आप पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। भक्ति के ऊपर कुछ नहीं है।

 

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