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Thursday, November 13, 2025
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गाज़ियाबाद से भट्ठा व्यापारी का अपहरण कर सिवाया में हत्या, परिजनों के साथ कराता रहा तलाश

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  • हत्या के शव को सिवाया गांव के पीछे बन रहे रैपिडएक्स यार्ड के पास गड्ढे में दबाया,
  •  परिजनों के साथ रहकर ही कराता रहा तलाश।

शारदा रिपोर्टर 

दौराला। सिकरोड रोड से बीती एक अप्रैल को एक भट्ठा व्यापारी का अपहरण कर मेरठ के सिवाया गांव में हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शव को गांव के पीछे आरोपी ने गड्ढे में दबा दिया। निशानदेही पर नंद ग्राम पुलिस ने दौराला पुलिस को साथ लेकर सिवाया गांव से शव बरामद कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

गाज़ियाबाद कमिश्नरेट के थाना नंद ग्राम के गांव सिकरोड़ निवासी देवेंद्र शर्मा भट्ठा व्यापारी है। उनके दो बेटी और एक बेटा योगेंद्र उर्फ गोलू 24 वर्ष है। देवेंद्र ने बताया कि बेटा सिकरोड रोड पर डीके ट्रेडर्स के नाम से ऑफ़िस चलाता था। बीती 1 अप्रैल को वह ऑफ़िस बंद कर घर के लिए निकला, लेकिन योगेंद्र घर नहीं पहुंचा। काफी तलाश के बाद भी योगेंद्र का सुराग नहीं लगने पर परिजनों ने नंद ग्राम थाने पर गुमशुदगी दर्ज कराई।

आरोपी विकास निवासी अजराड़ा जिला हापुड़ ने पुलिस को गुमराह करते हुए कहा कि योगेंद्र उसके गैराज में बाइक खड़ी करके चला गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा। पुलिस लगातार योगेंद्र की तलाश करती रही। परिजनों ने विकास पर ही शक जाहिर किया, जिस पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो विकास टूट गया। विकास ने बताया कि उसने योगेंद्र की हत्या कर मेरठ के दौराला थाने के गांव सिवाया में गड्ढे में दबा दिया।

आरोपी की निशानदेही पर नंद ग्राम पुलिस दौराला पहुंची और दौराला पुलिस के साथ सिवाया गांव में घटना स्थल पर पहुंची। पुलिस ने गड्ढे से योगेंद्र का शव बरामद कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, नंद ग्राम पुलिस आरोपी को साथ लेकर वापस लौट गई।

पहले की ओला बुक, फिर अपहरण किया

आरोपी विकास ने बताया कि उसने अपहरण से पहले ओला बुक की। इसके बाद योगेन्द्र का अपहरण कर लिया। पुलिस ने ओला को कब्जे में ले लिया। बताया गया है कि पुलिस ने ओला से कुछ नशीली वस्तु और लोहे की रॉड बरामद की है। संभवत आरोपी ने नशीली दवाएं देकर योगेंद्र को बेहोश किया और फिर उसकी हत्या की।

40 हजार को लेकर की हत्या

पिता देवेंद्र ने बताया कि योगेंद्र ने विकास को अपना गैराज किराय पर दिया था। 40 हजार तो विकास ने किस्तों में दे दिए, लेकिन 40 हजार अभी बकाया थे। योगेंद्र लगातार पैसों को लेकर तकादा कर रहा था। इसी कारण योगेंद्र की हत्या की गई। लेकिन, परिजन इस कारण को मानने के लिए तैयार नहीं है। परिजनों का कहना है कि 40 हजार को लेकर हत्या नहीं हुई, कारण कुछ ओर है। विकास शुरू से ही सभी को गुमराह कर रहा था।

परिजनों के साथ कराता रहा तलाश

हत्या के बाद आरोपी विकास ने योगेंद्र की बाइक अपने गैराज में खड़ी की और मोबाइल कहीं फेंक दिया। परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई तो विकास परिजनों के साथ ही योगेंद्र की तलाश में घूमता रहा। विकास घर से लेकर थाने में उनके साथ रहा। शक होने पर परिजनों के कहने पर पुलिस ने विकास को हिरासत में लिया। पहले तो बार बार विकास बयान बदलता रहा। सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और हत्या की बात कबूल की।

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