– भारत सरकार हिंदुओं की सुरक्षा का मामला उठाए: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा
नई दिल्ली। बांग्लादेश में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण बन गए हैं। यहां पर चुनाव से पहले कई शहरों में आगजनी और हिंसा हो रही है। राजनीतिक कार्यकर्ता उस्मान हादी की हत्या के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। इस बीच देश में कथित ईशनिंदा को लेकर एक हिंदू शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। लगातार खराब होते हालात को लेकर भारत में भी टेंशन बढ़ गई है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बदलते हालात पर चिंता जाहिर की है और भारत सरकार से यह मामला उठाने की मांग की है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कल शुक्रवार को पड़ोसी मुल्क में कथित ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या को बेहद परेशान करने वाला करार दिया और भारत सरकार से वहां रह रहे हिंदू, ईसाई और बौद्ध अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाने का अनुरोध किया। बांग्लादेश में पिछले साल शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से वहां पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं। बड़ी संख्या में लोग मारे भी गए हैं।
बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की ताजा घटना कल शुक्रवार को सामने आई जब कथित ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई और फिर उसके शरीर में आग लगा दी गई। मृतक की पहचान 25 साल के दीपू चंद्र दास के रूप में हुई, जो मैमनसिंह शहर में एक फैक्ट्री में काम करता था।
अल्पसंख्यक हिंदू की मॉब लिंचिंग कर हत्या किए जाने की घटना पर प्रियंका गांधी ने पर अपने पोस्ट में कहा बांग्लादेश में भीड़ द्वारा हिंदू युवक दीपू दास की नृशंस हत्या की खबर बेहद परेशान करने वाली है। किसी भी सभ्य समाज में धर्म, जाति या पहचान के आधार पर भेदभाव, हिंसा और हत्या मानवता के खिलाफ अपराध है। उन्होंने इस मामले को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से बांग्लादेश सरकार के सामने उठाने की मांग करते हुए कह भारत सरकार को पड़ोसी देश में हिंदू, ईसाई और बौद्ध अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर ध्यान देना चाहिए और वहां की सरकार के साथ उनकी सुरक्षा का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाना चाहिए।
प्रियंका के अलावा कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी इस मामले में केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की। गहलोत ने अपने पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर नए सिरे से हिंसा और हमलों की खबरें बेहद चिंताजनक और निंदनीय है।


