Home उत्तर प्रदेश Meerut आसान नहीं है निगम में पैबस्त भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ना

आसान नहीं है निगम में पैबस्त भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ना

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भ्रष्टाचार

– एंटी करप्शन टीम द्वारा दो कर्मचारियों को रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद नगर निगम में है खामोशी

– गृहकर से लेकर नामांतरण और वाहन डीजल के नाम पर है भ्रष्टाचार


शारदा रिपोर्टर

मेरठ। नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार की जड़े काफी गहरी है। इसका खुलासा सोमवार को गृहकर विभाग के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व लिपिक को रंगे हाथ डेढ़ लाख रुपये की लेते पकड़े जाने पर हो चुका है। लेकिन यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी निगम के अलग-अलग विभागों में इसी तरह के मामले सामने आते रहें है। हालांकि एंटी करप्शन की टीम ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया है। लेकिन क्या इतने मात्र से ही विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी यह बड़ा सवाल है?

गौरतलब है कि सोमवार को निगम के गृहकर विभाग में नियुक्त चतुर्थश्रेणी कर्मचारी राहुल गौतम व लिपिक दीपक को एंटी करप्शन विभाग की टीम ने डेढ़ लाख रूपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचा था। दोनों आरोपियों पर इसी मामले में पचास हजार रूपये पहले से ही वसूलने का आरोप लगा है। लेकिन इनकी भूख बढ़ती जा रही थी जिस वजह से यह और पैसा मांगने लगे।

पैसा देकर कराया जा सकता है कोई भी काम

नगर निगम में पैसा देकर कोई भी काम कराया जा सकता है। चाहे जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाना हो या गृहकर कम कराना। यहां तक की विकासकार्य के लिए दिए जाने वाले ठेकों पर भी कई बार सवाल उठते रहें है, जब सड़कों के निर्माण में हुई धांधलेबाजी का खुलासा हुआ था।

भ्रष्टाचारी निगम को ही लगा रहे चूना

नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन के रूप में मिलने वाला पैसा निगम को गृहकर समेत अन्य तरह के टैक्स व दूसरे सोर्स से हासिल होने वाले राजस्व से निकाला जाता है। लेकिन निगम कर्मचारी इसमें भ्रष्टाचार कर निगम के राजस्व को जमकर चूना लगा रहे हैं। पहले अनापशनाप टैक्स लगाते हैं, फिर उसे कम करने के नाम पर अवैध वसूली की जाती है। जिससे एक तरफ जहां निगम को राजस्व की हानि होती है, वहीं उसकी छवि भी लगातार धूमिल हो रही है।

एंटी करप्शन की टीम पहले भी पकड़ चुकी है भ्रष्टाचारियों को

भ्रष्टाचार उन्मूलन विभाग की निगम कर्मचारियों के खिलाफ यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है, इससे पहले भी राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव और मुंशी हाजी मुनव्वर को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। 24 दिसंबर 2023 को राज को राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव को एंटी करप्शन टीम ने गंगानगर स्थित निगम कार्यालय से पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। नवल सिंह राघव कई महीने तक न्यायिक हिरासत में जेल में रहने के बाद अब जमानत पर है। उससे पहले 16 अगस्त 2023 को मुंशी हाजी मुनव्वर को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। जबकि राजस्व निरीक्षण फरार हो गया था। इसके बाद वह में हाईकोर्ट से स्टे आर्डर ले आया था। पिछली बार हाउस टैक्स में रिश्वतखोरी में गिरफ्तारी के बाद 42 बाबुओं के पटल परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार हुआ था, लेकिन अचानक इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

वाहन डीजल में भारी घोटाला

नगर निगम द्वारा सफाई आदि की व्यवस्था में छोटे बड़े करीब पांच सौ वाहन लगाए हुए हैं। यहां पर भी इतना बड़ा भ्रष्टाचार है कि रोजाना जितने डीजल की खपत होती है, उससे करीब दोगुने का बिल पास होता है। यह भ्रष्टाचार सिर्फ इन वाहनों के चालक या डिपो प्रभारी ही कर रहे हों, ऐसा असंभव है। मामला बिल्कुल साफ है कि भ्रष्टाचार की हर जड़ में मजबूत पाया अर्थात बड़ा अधिकारी मौजूद है।

 

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