- दीक्षांत समारोह’ 2023 आयोजन।
शारदा न्यूज़, संवाददाता |
मेरठ। बिना मन की पवित्रता के कोई भी ज्योतिष्य कथन सत्यता संभव नही। प्रोफेसर आर्य भूषण शुक्ल ने कहा कि केवल कुछ ज्योतिष्य विषय तक ही सीमित रहकर फलादेश करना उपर्युक्त नही ज्योतिष्य विद्या एक प्रामाणिक आधार है। श्री भगवद्गीता, महाभारत एवं रामचरितमानस में ज्योतिष्य सूत्रों से प्रस्तुत किया प्रोफेसर आर्य भूषण शुक्ल ने व्याख्यान
बच्चा पार्क स्थित आईएमए हाल पर भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद मेरठ चैप्टर द्वारा कुंडली सहज प्रवेशिका पुस्तक का विमोचन एवं दीक्षांत समारोह 2023 का आयोजन किया गया।

जिसमें संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर एबी शुक्ला ( सेवानिवृत आईएएस) , वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भोलानाथ शुक्ला,के.रंगाचारी जी ,परीक्षक नियंत्रक नवनीत कौशिक एवं सीसीएसयू के कुलसचिव धीरेंद्र कुमार द्वारा किया गया। जिसमें कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष एबी शुक्ला द्वारा दीप प्रज्ज्वलित एवं कुलसचिव सीसीएसयू धीरेंद्र कुमार द्वारा सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया, इसके उपरांत वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वस्तिवाचन पाठ किया गया । तदुपरांत मेरठ चैप्टर चेयरमैन आचार्य मनीष स्वामी जी द्वारा सभी आगंतुक अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट करते हुए पटका पहनाकर स्वागत किया गया।
अपने व्याख्यान में मुख्य अतिथि प्रो एबी शुक्ला जी ने -ज्योतिष के इतिहास और इसकी अनूठी प्रणाली के बारे में संक्षेप में बताया।उन्होंने विभिन्न ग्रहों के विभिन्न संयोजनों के परिणाम, उनकी स्थिति और दिशाएं, बृहस्पति और शनि के पारगमन के विश्लेषण के माध्यम से विशिष्ट घटनाओं के समय की भविष्यवाणी, और नाड़ी-शास्त्र और ज्योतिष की अन्य प्रणालियों के बीच अंतर जैसे विभिन्न विषयों पर विस्तार से बताया। प्रोफेसर एबी शुक्ला ने रामचरितमानस से भगवद्गीता से ज्योतिष सूत्रों का अवलोकन करते हुए सभी विद्यार्थियों को ज्योतिष के तत्व से अवगत कराया..साथ ही कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सीसीएसयू कुलसचिव धीरेंद्र कुमार जी ने ज्योतिष ज्ञान पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज ज्योतिष का इतना महत्त्व बढ़ गया है कि नामी चिकित्सक तक इस पर विश्वास करने लगे हैं उन्होंने कहा कि पुस्तक में प्रस्तुत ज्योतिषीय संदर्भों से आमजन को लाभ होगा। ज्योतिष जन-जन के जीवन का हिस्सा बन गया है तथा वैदिक ज्ञान के माध्यम से ही भारत पुन: विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठापित होगा।
सभी अतिथियों ने पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि इस तरह की पुस्तक की बहुतायत में मांग थी। इसमें मुहूर्त, जन्मपत्री, मिलान जातक विचार, काल विज्ञान, शकुन विचार आदि अनेकानेक प्रकरणों पर विस्तार से चर्चा की गई है।
पुस्तक विमोचन के उपरांत संस्था से जुड़े सभी छात्रों को प्रमाण पत्र, शील्ड एवं पटका पहनाकर दीक्षांत समारोह का आगाज किया गया।
कार्यक्रम में संस्था के चैप्टर चेयरमैन आचार्य मनीष स्वामी, सचिव आचार्य कौशल वत्स,डॉ अर्चना विश्नोई,सचिन अरोड़ा, गिरीश कुमार, प्रवीण चौहान, सुभाष राजपूत ,कपिल कुमार आदि की उपस्थिति रही।