मेरठ। सोमवार को एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग में विश्व एनेस्थीसिया दिवस मनाया गया।
दरअसल मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि 16 अक्टूबर को एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग में विश्व एनेस्थीसिया दिवस मनाया गया। प्राचार्य ने उन्नत पीएसी क्लिनिक का उद्घाटन किया। जिसमें रोगी के श्वसन रिजर्व का जाँच करने के लिए पीएफटी मशीन, हृदय की विद्युत गतिविधि का जाँच करने के लिए ईसीजी मशीन, रोगी के बेसलाइन रक्तचाप, हृदय गति और SpO2 को रिकॉर्ड करने के लिए मॉनिटर उपलब्ध हैं। प्री एनेस्थेटिक जाँच के बिना, किसी भी वैकल्पिक ऑपरेशन की योजना नहीं बनाई जाती है।
विभिन्न आयु वर्ग के रोगियों के लिए प्रोटोकॉल आधारित जांच की जाती है। संवेदनाहारी दवाओं की खुराक की गणना के लिए रोगियों का वजन और ऊंचाई भी ली जाती है। रोगी और उनके परिवार के सदस्यों को एनेस्थीसिया के प्रकार, एनेस्थीसिया के जोखिम और एनाल्जेसिक विकल्पों (एपिड्यूरल एनाल्जेसिया) के बारे में शिक्षित किया जाता है। बच्चों, वृद्धावस्था और गर्भवती महिला में ऑपरेशन के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ होती हैं इसलिए उचित मूल्यांकन की आवश्यकता होती है।
किसी भी कठिनाई की संभावना को कम करने के लिए ऑपरेशन से पहले सह-रुग्ण स्थितियों का जाँच और उपचार किया जाता है। लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रोगी होने वाले ऑपरेशनों के लिए एनेस्थीसिया को सुरक्षित रूप से सहन कर सके और आपरेशन के दौरान फेफड़े या हृदय संबंधी परेशानियों की संभावना कम हो सके।