शारदा रिपोर्टर मेरठ। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के अस्थि रोग विभाग में मिनिमल इनवेसिव विधि द्वारा रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर की सर्जरी किए जाने के संबंध में लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ एवं स०व०भा०प० चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज मेरठ के अस्थि रोग विभाग में मिनिमल इनवेसिव विधि द्वारा रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर की सर्जरी की गई ।
इसमें दूरबीन विधि द्वारा छोटे चीरे से ऑपरेशन किया गया है। 25 वर्षीय विकास ( नाम बदला हुआ)की पेड़ से गिरकर रीढ़ की हड्डी (L 1) का फ्रैक्चर हो गया था , जिस के कारण उनका चलना उठना बैठना असंभव हो गया था । मरीज मेडिकल कॉलेज मेरठ में भर्ती हुआ, वहां पर मरीज को विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के द्वारा मिनिमल इनवेसिव सर्जरी का सुझाव दिया गया ,जिसके बाद गुरुवार को मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी की गई । इस सर्जरी से मरीज़ को काफ़ी राहत पहुंची है । ओपेन स्पाइन सर्जरी में ऑपरेशन में बड़ा चीरा लगाना पड़ता था जिसमे अधिक रक्तस्राव होता है , मरीज को ऑपरेशन के बाद दर्द रहता है ,इससे इन्फेक्शन का भी खतरा होता है, तथा मरीजों की रिकवरी भी काफ़ी दिन बाद होती है। मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी में ऑपरेशन में होने वाले सभी दुष्परिणाम कम होते है तथा रिकवरी भी जल्दी होती है । उपरोक्त सर्जरी की टीम में डॉ ज्ञानेश्वर टोंक, डॉ सुमित अग्रवाल, डॉ कर्मेश, डॉ आदित्य , एनेस्थीसिया विभाग से डॉ प्रमोद चांद ,डॉक्टर गौरी , डॉक्टर आयुष का योगदान रहा।
आर्थोपेडिक अस्थि रोग विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर टोंक ने बताया कि मिनिमल इनवेसिव स्पाइन सर्जरी रीढ़ की हड्डी की बीमारियों के लिए एक वरदान है जिससे कम से कम रक्त स्राव व छोटे चीरे द्वारा , सर्जरी की जाती है।
डॉ ज्ञानेश्वर टोंक, डॉ सुमित अग्रवाल ने यह भी बताया कि अब हमारे हॉस्पिटल में स्पाइन केयर, लिगामेंट रिपेयर व हिप एंड नी रिप्लेसमेंट की सुविधाएं अत्याधुनिक विधियों द्वारा उपलब्ध हैं। इस उपलब्धि हेतु प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने अस्थि रोग विभाग की टीम को बधाई दी ।