- सुबह-शाम छाने लगी धुंध, बुजुर्ग और सांस के रोगियों के लिए खतरनाक।
- बदलते मौसम में बच्चों का भी रखें विशेष ध्यान।
शारदा न्यूज, मेरठ। सर्दी का मौसम दस्तक दे रहा है और इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। दिन में भले ही अभी गर्मी है लेकिन सुबह और शाम के मौसम में काफी बदलाव आ चुका है। दिन छिपने के साथ ही धुंध छाने लगी है जो सुबह सूरज निकलने तक रहती है। ऐसे में बच्चों व बुजुर्गो समेत ऐसे लोग जो सांस की बीमारी से ग्रसित है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
मौसम बदलने के साथ ही सड़कों पर धुंध छाने लगी है जो बढ़ते प्रदूषण की ओर इशारा कर रही है। यह समस्या सर्दियां शुरू होने से लेकर खत्म होने तक बनी रहती है। इस बीच बच्चों व बुजुर्गो के साथ ही सांस के मरीजों को सावधान रहना चाहिए। सुबह स्कूल जाते समय बच्चों को जितना हो सके मास्क पहनाने की कोशिश करें। साथ ही सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े भी पहनाएं भले ही अभी ज्यादा सर्दी नहीं पड़ रही है। ऐसे में कपड़ों के अंदर बॉडी वार्मर पहनाया जा सकता है। दूसरी ओर ऐसे बुजुर्ग जिनकी उम्र 65 से 70 साल के लगभग है उन्हें भी घर से निकलते समय मास्क आदि का प्रयोग करना चाहिए। सुबह-शाम वॉक पर जाने से पहले खास तौर पर इस बात का ध्यान रखें कि मौसम के बदलाव के साथ ही अपने पहनावे में भी बदलाव करें। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी वैसे-वैसे गर्म कपड़ो को पहनने की प्रक्रिया में भी बदलाव करना जरूरी है।
– सांस के मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत
सर्दी के मौसम में जब धुंध रहती है तो ऐसे में सांस लेने में भी परेशानी होती है। वहीं धुंध इस बात को भी साबित करती है कि सांस लेने के लिए वातावरण में जरूरी आॅक्सीजन की मात्रा कम है। इसकी वजह प्रदूषण है जो सर्दी के मौसम में ज्यादा खतरनाक रूप ले लेता है। ऐसे में उन लोेगों को ज्यादा तकलीफ होने लगती है जिन्हें सांस की बीमारियां होती है। ऐसे लोगों को जितना हो सके घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। जरूरी हो तो अपने साथ इन्हेलर जरूर रखें जिससे परेशानी होने पर इसका प्रयोग किया जा सके।
“मौसम में बदलाव होने के साथ धुंध छाने लगी है। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गो को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है। जितना हो सके घर से बाहर निकलने से बचें, यदि जरूरी ही हो तो मास्क का प्रयोग करें। साथ ही ऐसे इलाकों में जाने से बचे जहां धुंध अधिक रहती है।” – डा. गगन अग्रवाल, बच्चों के डाक्टर।