– बड़े भाई मुन्नीलाल यादव को हिरासत में लिया।
गोरखपुर। शनिवार तड़के एनआईए टीम ने पन्नेलाल यादव के घर छापेमारी की। टीम ने पन्नेलाल के खजनी थाना क्षेत्र के रावतडाड़ी गांव के साथ आजाद नगर पूर्वी के ठिकानों पर तलाशी ले रही है। करीब 6 घंटे तक चली इस कार्रवाई में टीम ने गांव के हर ठिकाने और पन्नेलाल के घर के हर कोने की गहन तलाशी ली। इस दौरान पन्नेलाल के बड़े भाई मुन्नीलाल यादव को हिरासत में लिया गया। एनआईए की टीम ने मुन्नीलाल यादव की निशानदेही पर गोरखपुर के आजाद नगर पूर्वी स्थित जीडीए कॉम्प्लेक्स के पास मकान पर भी गहन जांच की। पन्नेलाल यादव का परिवार पिछले 30 साल से थाईलैंड में कारोबार से जुड़ा है।
सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी का संबंध उनके विदेशी कारोबारी लेनदेन से हो सकता है। हालांकि, ठकअ ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है और यह स्पष्ट नहीं हो सका कि छापेमारी में क्या सुराग मिले है।
पन्नेलाल यादव के भतीजे दीपक यादव ने मीडिया को बताया कि एनआईए की कार्रवाई के दौरान उनके नाबालिग बेटी शिवली यादव पर बल प्रयोग किया गया। इसके अलावा, घर में मौजूद महिलाओं के साथ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल हुआ। दीपक ने दावा किया कि 6 घंटे की कड़ी पूछताछ के बावजूद ठकअ को कोई ठोस सबूत नहीं मिला। थाईलैंड कारोबारी पन्नेलाल के बड़े बेटे अमन यादव ने भी परिवार पर हुए कथित उत्पीड़न की शिकायत की।
छापेमारी का नेतृत्व लखनऊ से आई एनआईए की विशेष टीम ने किया, जिसके प्रमुख राजेश कुमार पांडेय थे। उनके साथ मनीष कुमार, वकील खान और खजनी के एसडीएम राजेश प्रताप सिंह सहित स्थानीय पुलिस मौजूद थी। सुबह 4 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई सुबह 10:30 बजे तक जारी रही।
मामला क्या है, रहस्य बरकरार
एनआईए की इस हाई-प्रोफाइल छापेमारी ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। स्थानीय लोग और मीडिया इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि आखिर यह कार्रवाई किस मामले से जुड़ी है। क्या यह थाईलैंड के कारोबार से संबंधित कोई वित्तीय अनियमितता है या फिर कोई बड़ा आपराधिक कनेक्शन? एनआईए की चुप्पी ने रहस्य को और गहरा कर दिया है।
राजस्व टीम और पुलिस प्रशासन का मौन
खजनी पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में कोई बयान देने से इनकार कर दिया है। एनआईए की टीम ने भी मीडिया से दूरी बनाए रखी और कोई जानकारी साझा नहीं की। इस बीच, गांव में तनाव का माहौल है और लोग इस छापेमारी के पीछे के कारणों को जानने के लिए बेचैन हैं। यह मामला गोरखपुर ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी
उम्मीद है कि एनआईए जल्द ही इस छापेमारी के उद्देश्य और परिणामों पर प्रकाश डालेगी। तब तक, यह कार्रवाई रहस्य और सनसनी का केंद्र बनी रहेगी।