- बाकी की हालत नाजुक।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शहर में एक बार फिर कान्हा उपवन गौशाला जैसा दर्दनाक हादसा सामने आया है। नगर निगम की बड़ी लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर सूरजकुंड रोड पर गोवंश ट्रॉमा सेंटर में पांच गायों ने भूख से तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। वहीं बाकी बची गायें भी गंभीर हालत में हैं। इस मामले को लेकर पार्षदों ने भी धरना देते हुए निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम को गौशालाओं की व्यवस्था और गायों की देखभाल के नाम पर करोड़ों रुपये सरकार से मिलते हैं, लेकिन इन पैसों का इस्तेमाल चारे और चिकित्सा के बजाय अधिकारियों की ऐशो-आराम में हो रहा है।
गौरतलब है कि कान्हा उपवन गौशाला कांड में डॉक्टर हरपाल को जेल जाना पड़ा था। उस समय भी गायों की दयनीय स्थिति और भ्रष्टाचार की पोल खुली थी, लेकिन हालात में सुधार होने के बजाय और बिगड़ते जा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि योगी सरकार में जहां गायों को ‘गौमाता’ का दर्जा दिया जाता है, वहीं जमीन पर उनकी स्थिति बेहद दयनीय है। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी न तो चारे का इंतजाम कर पा रहे हैं और न ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान दे रहे हैं।
यह घटना न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार और लापरवाही किस हद तक हावी है। अब देखना होगा कि नगर निगम और जिला प्रशासन इस गंभीर लापरवाही पर क्या कदम उठाते हैं या फिर यह मामला भी पुराने मामलों की तरह दबा दिया जाएगा।
दुर्दशा पर भड़के पार्षद, धरने पर बैठे: सूरजकुंड रोड स्थित नगर निगम के गोवंश ट्रॉमा सेंटर की बदहाल स्थिति को लेकर पार्षदों ने धरना दिया। पार्षदों का आरोप है कि सेंटर में गोवंशों की देखरेख सही तरीके से नहीं हो रही, जिससे उनकी हालत दयनीय बनी हुई है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर निगम द्वारा गोवंशों के इलाज और देखरेख के लिए बजट तो जारी किया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति लापरवाही भरी है। सेंटर पर मौजूद बीमार और घायल गोवंशों की सही तरह से देखरेख नहीं होने के कारण उनकी हालत और बिगड़ रही है। पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन से तत्काल सुधार की मांग की और चेतावनी दी कि यदि जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।