- आम आदमी पार्टी ने मनोहर की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच की मांग भी उठाई।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। विद्युत टॉवर से गिरने पर हुई किसान मनोहर की मौत के मामले में गुरूवार को आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने मृतक किसान के परिवार को आर्थिक सहायता के साथ ही इस पूरे मामले में मजिस्ट्रियल जांच की मांग की।
आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने आरोप लगाते हुए बताया कि, मेरठ विकास प्राधिकरण की साजिश और मनमानी ने मनोहर को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। हाईकोर्ट के स्टे आॅर्डर की अवहेलना कर उनकी जमीन छीनने की कोशिश ने एक गरीब किसान का जीवन खत्म कर दिया। मेरठ के किसान मनोहर और उनके परिवार के आठ लोगों की पुश्तैनी जमीन (लगभग 9 बीघा) 35 वर्षों से अधिग्रहण के चक्कर में फंसी थी। इस जमीन से वह अपनी 80 वर्षीय माँ, पत्नी, और तीन मासूम बेटियों का भरण-पोषण करते थे।
उन्होंने कहा कि, मेरठ विकास प्राधिकरण ने हाईकोर्ट के स्टे आॅर्डर और तमाम नियम कायदे कानून को धता बताते हुए जबरन जमीन की नीलामी की।
रसूखदारों ने इसका फायदा उठाया और वहाँ पर फाइव स्टार अस्पताल बनाने की साजिश रची। उन्होंने कहा कि, बार-बार किसान की फसलें नष्ट की गई। जबकि, 8 जून को मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के दबाव से टूटकर मनोहर ने आत्महत्या कर ली। जिससे उनका परिवार कर्ज और भुखमरी में डूब गया।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मनोहर की मृत्यु मेरठ विकास प्राधिकरण की साजिश, और हाईकोर्ट के स्टे आॅर्डर की अवहेलना की गहन मजिस्ट्रियल जांच हो, तत्काल मृतक किसान मनोहर के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए, मनोहर की तीन मासूम बेटियों की पूरी शिक्षा नि:शुल्क सुनिश्चित हो।