Friday, September 12, 2025
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ग्रामीण रोडवेज बसों का किराया 20 फीसदी होगा कम: सीएम योगी

  • सीएम योगी बोले- ‘नो हेलमेट नो फ्यूल’ अभियान अच्छा

एजेंसी, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित परिवहन विभाग के कार्यक्रम में पहुंचे। इस मंच से उन्होंने प्रदेश को ग्रामीण जनता सेवा का तोहफा दिया। इसके तहत लखनऊ समेत प्रदेशभर में 250 बसें संचालित की जाएंगी। प्रत्येक डिपो की 10% फ्लीट जनता सेवा की होगी। ये बसें 75-80 किमी दूरी के दायरे में आने वाले गांवों तक चलेंगी। इसका किराया 20 प्रतिशत तक कम होगा। सीएम आरटीओ कार्यालय से जुड़े 48 कामों के आवेदन के लिए डेढ़ लाख जन सुविधा केंद्रों सहित कई श्रेणियों में बसों की भी सौगात दी।

इस मौके पर सीएम ने परिवहन मंत्री की चुटकी लेते हुए कहा कि आज मंत्री जी जल्दी आ गए, हम तो सोचे थे कि 12 बजे तक आएंगे। लेकिन, आज पहले आ गए। यह प्रमाण है कि परिवहन बदल रहा है। परिवहन विभाग चुनौतियों से जूझने के लिए तैयार है। फाइल लटकाने की आदत खत्म करनी होगी। समय की प्रतिबद्धता तय करनी होगी। कुंभ और कोरोना के दौरान परिवहन विभाग ने करके दिखाया है। उस वक्त यूपी वासियों को उनके गांव तक पहुंचाया। उत्तराखंड के प्रवासी को भी पहुंचाया।

चालक-परिचालकों ने सफलता पूर्वक पहुंचाया। महाकुंभ में भी परिवहन विभाग ने 45 दिन में तमाम लोगों की सेवा की। उन्हें पुण्य कमाने में मदद की। रेलवे स्टेशन से लोगों को बाहर पहुंचने में मदद की। परिवहन विभाग हमेशा प्रदेश के अंदर समय का साथी है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। आज कई नई परियोजनाएं शुरू हो रही हैं। कामन सर्विस सेंटर पर लोग परिवहन की सेवा ले सकेंगे। आईआईटी, खड़गपुर के साथ टडव होना तकनीकी रूप से समृद्ध करेगा। 149 यात्री के लिए अहम है। यह मददगार साबित होगा। आज सात बस स्टेशन का शिलान्यास हो रहा है। 54 अन्य वर्ड क्लास स्टेशन बनेंगे। सीएम ने कहा कि बेहतरी के लिए तैयार रहना होगा। सड़क सुरक्षा चुनौती है। यह हमारी ही जिम्मेदारी है। इसके लिए कोरोना की तरह ही लोगों को जागरूक करना होगा। क्योंकि, सड़क हादसों में लगातार मौतों हो रही हैं। अब हमें उसे न्यूनतम स्तर पर लाना है। यदि परिवहन निगम की लापरवाही से जनहानि होती है तो आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह की क्षति होती है।

ड्राइवर का हर तीन माह में मेडिकल फिटनेस होना चाहिए। ये सुनिश्चित करें कि चालक अंदाजे से न चलें। क्योंकि, बस में बैठे व्यक्ति की हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें। तत्परता दिखाएं। विभिन्न संस्थाओं को साथ जोड़ें। स्कूल कॉलेज में जागरूक करें। बताएं कि हेलमेट से कैसे बचा सकता है। शराब कैसे जनहानि पहुंचा सकती है। ये सारी बातें लोगों को बताएं। ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।

 

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