ज्ञान प्रकाश
के बाला चंद्र की सुपर हिट फिल्म एक दूजे के लिए की कहानी बहुत गजब की है। कमल हसन ने एक बार निर्देशक के बालचंद्रन से कहा कि मुझे तेलगु फिल्म में काम करना है। तब बालचंद्र ने तेलगु फिल्म मारो चरित्र बनाई। कमल हसन की ये पहली तेलगु फिल्म थी। इस फिल्म में हीरोइन सरिता थी। वो तेलगु और हीरो तमिल था। बाद में निर्देशक बाला चंद्र ने हिंदी में इस फिल्म को बनाने की योजना बनाई है।
मारो चरित्र में हीरोइन सरिता के साथ माधवी थी। हिंदी वर्जन में निर्देशक तेलगु स्टार सरिता को नहीं लेना चाहते थे क्योंकि सरिता का चेहरा नॉर्थ इंडियन लुक का नहीं था। हिंदी वर्जन में हीरो को साउथ इंडियन और हीरोइन को उत्तर भारत का दिखाया जाना था। इसके लिए हीरोइन की खोज हुई। पहले किम को चुना गया लेकिन डेट की समस्या से किम हट गई। फिर पद्मिनी कोल्हापुरी से बात की गई लेकिन वो नासिर हुसैन के साथ कॉन्ट्रैक्ट में थी। इसलिए उनको भी नहीं चुना गया। बाद में रति अग्निहोत्री को हीरोइन के रूप में चुना गया।
फिल्म का नाम एक और इतिहास रखा गया लेकिन इसे बाद में बदल कर एक दूजे के लिए रख दिया गया था। फिल्म के लिए एस पी बाला सुब्रह्मण्यम को कमल हसन के प्ले बैक के लिए चुन लिया गया। आनंद बक्षी ने इस फिल्म के लिए यादगार गीत लिखे। इंदर राज आनंद ने संवाद लिखे थे। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने क्लासिकल धुनों पर एक से बढ़ कर एक धुनें दी थी। हम बने तुम बने एक दूजे के लिए, तेरे मेरे बीच में कैसा है बंधन, सोलह बरस की बाली उमर को सलाम जैसे गीत ने फिल्म को हिट करा दिया। के बाला सुब्रह्मण्यम की ये पहली हिंदी फिल्म थी। वो इतना नर्वस थे कि इनके हाथ से चाय लता मंगेशकर की साड़ी पर गिर गई थी।
तेलगु फिल्म की नकल थी
तेलगु फिल्म मारो चरित्र में कमल हसन को तेलगु नहीं आती थी तो उसने एक्ट्रेस सरिता को कई तेलगु फिल्मों के नाम बोले जिसे हिंदी फिल्म के लिए आनंद बक्षी ने मेरे जीवन साथी गाने में कई फिल्मों के नाम डाले। अनूप जलोटा ने भी गया
फिल्म के एक गीत कोशिश करके देख ले को अनूप जलोटा ने गाया था। अनुराधा पौडवाल ने भी कुछ लाइन गाई थी।