शारदा न्यूज़, मेरठ। डॉक्टर दिलफुजा जब्बोरोवा, सह-आचार्य, इंस्टीटयूट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी, एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ उज्बेकिस्तान चरण सिंह विश्वविवद्यालय, मेरठ में तीन दिन के लिए आयी है। डॉक्टर दिलफुजा जब्बोरोवा ने कुलपति से शिष्टाचार भेंट की तथा इंस्टीटयूट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी, एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ उज्बेकिस्तान एवं चरण सिंह विश्वविद्यालय के बीच एमओयू पर चर्चा कर एमओयू(समझौता ज्ञापन) का हस्तांतरण किया।
सीसीएसयू मेरठ की ओर से कुलपति तथा कुलसचिव द्वारा हस्ताक्षर किये गये तथा इंस्टीटयूट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी, एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ उज्बेकिस्तान की ओर से प्रोफेसर अब्दुलजालिल नरीमानोव, निदेशक एवं डॉक्टर दिलफुजा जब्बोरोवा, विभागाध्यक्ष, लैब्रटॉरी ऑफ मेडिसिनल प्लांटस, इंस्टीटयूट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी, एकेडमी ऑफ साइंसेज ऑफ उज्बेकिस्तान द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
एमओयू (समझौता ज्ञापन) पांच वर्षो के लिए किया गया है। इसमें मुख्य रूप से एमएससी ओर पीएचडी के विद्यार्थियों के संयुक्त शोध निर्देशन तथा प्राध्यापको एवं विद्यार्थियों के शोध कार्यो में आदान प्रदान,संयुक्त रूप से सेमिनार एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन करना तथा दोनो देशो के बीच में एकेडमी इन्डस्ट्री पर सहयोग करना शामिल करना है। एमओयू (समझौता ज्ञापन) के समय राज्यपाल नामित कार्य परिषद सदस्य प्रोफेसर वाई विमला शैलेन्द्र जयसवाल तथा प्रोफेसर आर के सोनी, निदेशक, इण्टरनेशनल कॉरपोरेशन सैल, एमके गुप्ता, समन्वयक, आईक्यूएसी, प्रोफेसर बीरपाल सिंह, निदेशक शोद्य, प्रोफेसर शैलेन्द्र सिंह गौरव, आचार्य, अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग, प्रोफेसर शैलेन्द्र शर्मा, संकायाध्यक्ष-कृषि, प्रोफेसर जितेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष, सुक्ष्मजीव विज्ञान विभाग, प्रोफेसर राहुल कुमार, विभागाध्यक्ष, अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग, प्रोफेसर संजीव शर्मा, आचार्य, भौतिकी विभाग उपस्थित रहे। इसके उपरान्त डॉक्टर दिलफुजा जब्बोरोवा ने अपरान्ह् 12 बजे से 2 बजे तक रसायन विभाग में ‘‘प्रौधो और मिट्टी के गुणों की वृद्धि और शारीरिक विशेषताओ पर बायोचार अनुप्रयोग का प्रभाव’’ विषय पर व्याख्यान दिया।
जिसमें विभाग के समस्त विद्यार्थियों एवं शिक्षको ने सहभागिता की। तत्पश्चात् अपरान्ह् 3 बजे से 5 बजे तक जैव-प्रौद्योगिकी विभाग में ‘‘पौधो की वृद्धि जैविक नियंत्रण और मृदा स्वास्थ्य सुधार के रूप में राइजोबैक्टीरिया का अनुप्रयोग’’ पर व्याख्यान दिया। जिसमें विभाग के समस्त विद्यार्थियों एवं शिक्षको ने सहभागिता की।