- पोर्टल में आई खामियां, शिकायत मिलने पर रजिस्ट्रार ने किया काउंटर का निरीक्षण
शारदा न्यूज, रिपोर्टर |
मेरठ। पोर्टल में आई कमी के कारण छात्र- छात्राएं बैंक परीक्षा और सेमेस्टर परीक्षा फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं। गंगा मेले के अवकाश के बाद मंगलवार को हजारों की संख्या में छात्र फॉर्म की खामियों को दूर कराने के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पहुंचे। काउंटरों पर देर शाम तक छात्रों की लंबी लाइन लगी रही।
विवि की ओर से इस समय प्राइवेट परीक्षा फार्म भरवाए जा रहे है। छात्रों के सामने फीस शो न होना, फार्म जमा होने से पहले फीस कट जाना, अधिक पैसे कटने, पेपर कोड गलत भरने जैसी समस्याएं आ रही हैं। समस्याओं को लेकर छात्र विवि के चक्कर लगा रहे हैं। कंपनी की ओर से छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। विवि में मंगलवार को यूजी-पीजी ट्रेडिशनल रेग्युलर प्राइवेट वार्षिक एवं प्रोफेशनल वार्षिक बैंक परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि खत्म हो गई। हालांकि जो स्थितियां हैं उसमें विवि को फिर से बैक फॉर्म भरने की तिथि बढ़ाने पड़ेगी। विवि इस पर बुधवार को फैसला करेगा।
वार्षिक बैक परीक्षा पर मंडराए संकट के बादल
कंपनी की ओर से चल रही लापरवाही की वजह से वार्षिक बैंक परीक्षाओं पर भी संकट के बादल मंडराने लगे है। यह परीक्षा सात दिसंबर से शुरू होने जा रही है और अभी तक कंपनी परीक्षा केंद्रों की सूची विवि को नहीं दे पाई हैं। ऐसे में परीक्षा समय पर शुरू कराना विवि के सामने चुनौती बन गया है। इतना ही नहीं कंपनी कॉलेजों को फॉर्म सत्यापित करने का विकल्प भी नहीं दे पाई है। ऐसे में बैक परीक्षाएं फिर से स्थगित की जा सकती हैं।
छात्रों को गुमराह कर रहे लोग
प्राइवेट परीक्षा फार्म में हुई खामियों को लेकर जो छात्र विवि पहुंच रहे हैं, उनको विवि में घूम रहे दलाल गुमराह करने का काम कर रहे हैं। फार्म की खामियों को दूर कराने के लिए वह छात्रों से पैसे वसूल रहे हैं। इस तरह के कई मामले विवि में मंगलवार को देखने को मिले। इतना ही नहीं फॉर्म नहीं खुलने पर छात्रों ने उन लोगों को जब फोन किया तो पैसे लेने वालों के फोन नहीं उठे। इसकी शिकायत रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार से भी की गई। उन्होंने काउंटर का निरीक्षण किया। कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए।