होलसेलर एण्ड रिटेलर कैमिस्ट्स एसोसिएशन ने मंडलायुक्त से लगाई गुहार।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। ड्रग विभाग की कार्यप्रणाली, पुलिस के साथ जांच व्यापारियों का उत्पीड़न, पूर्व में की गई जांचों का खुलासा न होना, डाक्टर की क्लीनिक में कैद कम्पनियों का मुक्त न होना और व्यापारियों पर हो रहे उत्पीड़न को लेकर मंगलवार को होलसेलर एण्ड रिटेलर कैमिस्ट्स एसोसिएशन के दर्जनों सदस्य मंडलायुक्त कार्यलय पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि, हम ड्रग विभाग की जांच का कभी भी विरोध नहीं करते। बावजूद इसके पुलिस ले जाकर व्यापारियों की जांच करना व्यापारियों का उत्पीडन दशार्ता है और उनकी छवि खराब करना भी दशार्ता है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेगें।
उन्होंने कहा कि, पूर्व में हुई छापेमारी का कोई भी खुलासा एडीसी स्तर पर व ड्रग इंस्पेक्टर के स्तर पर नहीं हुआ। अखबारों में इन घटनाओं में खूब प्रचार हुआ। उसके बावजूद भी यह केस रफा दफा कर दिये गये। उन व्यापारियों को नये नाम से नये लाईसेंस दे दिये गये। यह केस न खुलना भ्रष्टाचार की वजह है। इसलिए जनता हित में सरकार ने उत्तर प्रदेश शासन ने एक आदेश जारी किया कि, डाक्टर की क्लीनिक में जो कैद कम्पनियां है उनकी दवाई यहीं मिलती है, उन्हें मुक्त कराया जाये।
मेरठ मण्डल की यह खूबसुरती देखने में आयी है कि मेरठ के एक भी डाक्टर के यहां कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि, सिर्फ औपचारिकता के नाम पर डाक्टरों के यहां चले जाते हैं। अधिकारी डाक्टर के यहां से पैचअप कर आ जाते है।
डाक्टर की क्लीनिक पर जो दवाई बिक रही है। उन पर कार्यवाही होनी अति आवश्यक है, क्योंकि जनता का शोषण हो रहा है और मल्टीनेशनल कम्पनी के मुकाबले इन कम्पनियों के रेट बहुत ही ज्यादा हैं। इसके अलावा सरकार को भी जीएसटी का राजस्व भी नुकसान हो रहा है।